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प्रत्यूशा की मौत के बहाने

संजय कुमार सिंह, संस्थापक, अनुवाद कम्युनिकेशन :
मैंने किसानों की आत्महत्या पर नहीं लिखा, डेल्टा मेघवाल की मौत पर भी नहीं लिखा लेकिन प्रत्यूशा बनर्जी की मौत पर लिख रहा हूँ। कारण इसी में है फिर भी ना समझ में आये तो उसपर फिर कभी बात कर लेंगे। फिलहाल प्रत्यूशा और उसके जैसी अभिनेत्रियों की मौत के कारणों को समझने की कोशिश करते हैं। जो छोटे शहरों से निकल कर बड़ा काम करती है। शोहरत और पैसा कमाती हैं, सब ठीक-ठाक चल रहा होता है और अचानक पता चलता है कि उसकी मौत हो गई (आत्महत्या कर ली, हत्या हो गई या शीना बोरा की तरह) या गायब हो गयी।
धन, धान्य वैभव की देवी – अष्टलक्ष्मी मंदिर चेन्नई

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
चेन्नई के आडयार समुद्र तट पर अष्टलक्ष्मी का सुंदर मंदिर स्थित है। अष्टलक्ष्मी मंदिर देवी लक्ष्मी के आठ रूपों को समर्पित है। इन सभी के बारे में माना जाता है कि यह धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की रूप है। देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी थी। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी लक्ष्मी हमारे जीवन में काफी महत्व है। अष्ट लक्ष्मी हमें धन, विद्या, वैभव, शक्ति और सुख प्रदान करती हैं।
प्यार सबसे बड़ी प्रेरणा

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
एक बार मैंने अमिताभ बच्चन से पूछा था कि वो कौन सी चीज है जो आपको लगातार सिनेमा के संसार से जुड़े रहने को प्रेरित करती है? हर आदमी एक ही काम करते-करते एक दिन उस काम से ऊब जाता है। मैंने तमाम बड़े-बड़े सरकारी अधिकारियों को देखा है, जो एक दिन खुद को रिटायर होते देखना चाहते हैं।
आत्मा का नुकसान

संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
अभी-अभी पटना के लिए उड़ना है। फिलहाल एयरपोर्ट पर बैठा हूँ। पहले से तय करके आया था कि आज एयरपोर्ट पर बैठ कर कॉफी के साथ कहानी लिखूँगा। सोचा तो यह भी था कि आज प्यार और जलन की कहानी लिखूँगा। लिखूँगा कि जैसे हम जानते हैं कि हमें किससे प्यार करना है, उसी तरह हमें यह जानना चाहिए कि हमें किससे जलना चाहिए।
गिरफ्तारी और सजा

असग़र वजाहत:
यह कोई 1982-83 की बात है। मैं दिल्ली की एक लोकल बस मेँ चढ़ा। बस के कंडक्टर ने कहा, जाकर बैठ जाओ टिकट देता हूँ।’ लेकिन कंडक्टर टिकट देना भूल गया ओर मैं लेना भूल गया। इतनी देर मेँ बस के ऊपर छापा पड़ा और मुझे टिकट न होने की वजह से गिरफ्तार करके पास खड़ी मोबाइल कोर्ट में बंद कर दिया गया।
पैसा और शांति

संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
मेरी एक परिचित इन दिनों बहुत परेशान है और मुझसे मदद चाहती हैं। मैं दिल से उनकी मदद करना चाहता हूँ, लेकिन कुछ कर नहीं पा रहा।
प्यार

संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
स्कूल में मास्टर साहब पढ़ा रहे थे। अचानक मास्टर ने क्लास में सभी बच्चों से पूछा, “बच्चों तुम्हें अचानक भगवान मिल जाएँ और तुमसे कहें कि तुम क्या माँगते हो, विद्या या धन, तो तुम क्या माँगोगे?”
अपराध बोध

संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
मेरे बेटे को रास्ते में पाँच सौ रुपये का एक नोट गिरा हुआ मिला। उसने उस नोट को उठा कर जेब में रख लिया। लेकिन कुछ दूर जाकर वो वापस लौटा और उसने उस नोट को जेब से निकाल कर वहीं फेंक दिया।
सेकंड सेक्स, प्लीज देखो सेंसेक्स

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
वैधानिक चेतावनी-यह व्यंग्य नहीं है
POWER AND FREEDOM FLOWS FROM THE LAYERS OF PURSE-प्रोफेसर सैमुअल बायरन का यह स्टेटमेंट बहुत यथार्थवादी है। ताकत और स्वतंत्रता पर्स से बहती हैं।