Tag: Politics
राजनीति में शुचिता के सवाल

 संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय : 
राजनीति में शुचिता और पवित्रता के सवाल अब हवा हो गये लगते हैं। जोर अब सादगी, शुचिता और ईमानदारी पर नहीं है। आप हमसे अधिक भ्रष्ट हैं, यह कहकर अपने पाप कम करने की कोशिशें की जा रही हैं। समाज इस नजारे को भौंचक होकर देख रहा है। देश के हर राज्य में ऐसी कहानियाँ पल रही हैं और राजनीति व नौकरशाही दोनों इसे विवश खड़े देख रहे हैं। भ्रष्टाचार की तरफ देखने का हमारा दृष्टिकोण चयनित है। हमारे और तुम्हारे लोगों की जंग में देश छला जा रहा है।
पाँच साल झेलें

 संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
एक साधु बाबा थे। बहुत पहुँचे हुए थे। उनके कई भक्त थे।
भारत-पाक रिश्तेः कब पिघलेगी बर्फ

 संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय : 
नरेन्द्र मोदी की पाकिस्तानी प्रधान मन्त्री से मुलाकात और उनका पाकिस्तान जाने का फैसला साधारण नहीं है। आखिर एक पड़ोसी से आप कब तक मुँह फेरे रह सकते हैं? बार-बार छले जाने के बावजूद भारत के पास विकल्प सीमित हैं, इसलिए प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी की इस साहसिक पहल की आलोचना बेमतलब है।
नीतीश के लिए चुनौती, लालू के लिए अवसर

 श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :
श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :
जेपी के दायें-बाएँ खड़े रहनेवाले उनके दोनों चेले लालू-नीतीश सत्ता के लिए आपस में पिछले दो दशक से लड़ते रहने के वावजूद अगर आज एकसाथ खड़े हैं तो बिहार की राजनीति तो बदलेगी ही।
दिल की सुनो, बदलाव भी जरूरी

 संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक : 
प्रिय संजय सिन्हा,
पिछले तीन दिनों से तुम जयप्रकाश नरायण, इमरजंसी, इन्दिरा गाँधी, अच्छे दिन वगैरह-वगैरह लिख रहे हो उसका फल तुमने भोग लिया है। कहाँ तुम एक-एक पोस्ट पर हजार-हजार लाइक बटोरा करते थे, और जबसे तुमने जरा राजनीतिक यादों की झलकियों को दिखाने की कोशिश की, तुम्हें तुम्हारी औकात पता चल गयी।
सौ दिन, एक साल, दो सरकारें!

 कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार
कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार 
दिल्ली दिलचस्प संयोग देख रही है। एक सरकार के सौ दिन, दूसरी के एक साल! दिलचस्प यह कि दोनों ही सरकारें अलग-अलग राजनीतिक सुनामियाँ लेकर आयीं। बदलाव की सुनामी! जनता ने दो बिलकुल अनोखे प्रयोग किये, दो बिलकुल अलग-अलग दाँव खेले।
भूमि अधिग्रहण बिल पर तथ्यहीन विरोध

 राजीव रंजन झा :
राजीव रंजन झा :
राहुल गाँधी को भारतीय राजनीति में पुनर्स्थापित करने के प्रयास के तहत कांग्रेस ने बीते रविवार को दिल्ली में किसानों की रैली की और उसमें राहुल खूब गरजे-बरसे।
‘डांस आँफ डेमोक्रेसी’ में एक गजेन्द्र!

 कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार
कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार 
यह ‘डांस आँफ डेमोक्रेसी’ है! लोकतंत्र का नाच! राजस्थान के किसान गजेन्द्र सिंह कल्याणवत की मौत के बाद जो हुआ, जो हो रहा है, उसे और क्या कहेंगे? यह राजनीति का नंगा नाच है।
मौके का दाँव लगा तो टैलेंट दिखा

 संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक : 
पहली बार जब मैं ट्रेन में सफर कर रहा था तब पिताजी के साथ सबसे ऊपर वाली बर्थ पर बैठा था।
बिहार बीजेपी वाया गिरिराज सिंह@ फेयर-इन-लवली

 सुशांत झा, पत्रकार :
सुशांत झा, पत्रकार :
गिरिराज ने जो टीवी फुटेज खाया है उसमें उनकी पार्टी और उनका दोनों का हित सधता है। पहचान(!) का संकट बिहार में उन्हें पहले भी नहीं था, अब तो वो पहचान घनीभूत हो गयी है।



 संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :  संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक : श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :
श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार : कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार
कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार  राजीव रंजन झा :
राजीव रंजन झा : सुशांत झा, पत्रकार :
सुशांत झा, पत्रकार :