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अजीत जोगी और अखबार की ताकत
संजय कुमार सिंह, संस्थापक, अनुवाद कम्युनिकेशन :
अखबार की ताकत पर याद आया। जनसत्ता में नौकरी शुरू की थी तो पाया कि दिल्ली में भी बिजली जाती थी और तो और दफ्तर की बिजली भी जाती थी पर अखबार छापने के लिए जेनरेटर नहीं था। मुझे याद नहीं है कि बिजली जाने पर एक्सप्रेस बिल्डिंग की लिफ्ट चलती थी कि नहीं और चलती थी तो कैसे? नहीं चलती थी तो कभी उसका कोई विरोध हुआ।
अपनी भूमिका पर पुर्नविचार करें राष्ट्रीय दल
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
अब जबकि आधे से ज्यादा भारत क्षेत्रीय दलों के हाथ में आ चुका है तो राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे नए सिरे से अपनी भूमिका का विचार करें। भारत की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, दोनों प्रमुख कम्युनिस्ट पार्टियाँ और भारतीय जनता पार्टी आम तौर पर पूरे भारत में कम या ज्यादा प्रभाव रखती हैं। उनकी विचारधारा उन्हें अखिल भारतीय बनाती है भले ही भौगोलिक दृष्टि से वे कहीं उपस्थित हों, या न हों।
धन, धान्य वैभव की देवी – अष्टलक्ष्मी मंदिर चेन्नई
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
चेन्नई के आडयार समुद्र तट पर अष्टलक्ष्मी का सुंदर मंदिर स्थित है। अष्टलक्ष्मी मंदिर देवी लक्ष्मी के आठ रूपों को समर्पित है। इन सभी के बारे में माना जाता है कि यह धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की रूप है। देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी थी। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी लक्ष्मी हमारे जीवन में काफी महत्व है। अष्ट लक्ष्मी हमें धन, विद्या, वैभव, शक्ति और सुख प्रदान करती हैं।
प्यार सबसे बड़ी प्रेरणा
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
एक बार मैंने अमिताभ बच्चन से पूछा था कि वो कौन सी चीज है जो आपको लगातार सिनेमा के संसार से जुड़े रहने को प्रेरित करती है? हर आदमी एक ही काम करते-करते एक दिन उस काम से ऊब जाता है। मैंने तमाम बड़े-बड़े सरकारी अधिकारियों को देखा है, जो एक दिन खुद को रिटायर होते देखना चाहते हैं।
बिहार में सत्ता बदलनी चाहिए
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
अपने दोस्तों से जब मैं बिहार की दुर्दशा की चर्चा करता हूँ और कहता हूँ कि अब बिहार में सत्ता बदलनी चाहिए, तो मेरे साथी मेरी ओर हैरत भरी निगाहों से देखने लगते हैं, और पूछने लगते हैं कि संजय सिन्हा, कहीं तुम भाजपाई तो नहीं हो गये?
ट्रांसफार्मर, प्लीज कम सून
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
क्षमा करें इन दिनों चिन्तन सिर्फ ट्रांसफार्मर पर हो पा रहा है। और किसी भी तरह के चिन्तन के लिए मोहल्ले के ट्रांसफार्मर को ठीक-ठाक कार्यरत रहना जरूरी है, जिससे आपके घर की बिजली सप्लाई होती हो।
दिल्ली के नतीजे और सियासी वादों के निहितार्थ
राजीव रंजन झा :
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की आंधी नजर आ रही है और इस आंधी के कारण देश भर में गलत मायने निकाले जाने का खतरा भी महसूस हो रहा है।