Sunday, June 8, 2025
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समझ का हेर—फेर

रामबहादुर राय, राजनीतिक विश्लेषक और संपादक, यथावत :

डॉ. वेद प्रताप वैदिक आजकल गुरु के गाँव में रहते हैं। जो गुड़गाँव कहलाता है। चाहे नया हो या पुराना, हर गुड़गाँव वासी पर यह बात लागू हो या नहीं, पर वैदिक अपने गुरु आप हो गये हैं। अपने घर के एक कोने में वे मिले। उनके चेहरे पर तूफान में फँसे होने की कोई लकीर नहीं थी। उन्हें देखकर और सुनकर यह महसूस नहीं हआ कि यह व्यक्ति बेचैन है।

मीडिया के सामने विश्वसनीयता का सवाल

प्रख्यात पत्रकार और जनसत्ता के संस्थापक संपादक प्रभाष जोशी की पुण्य स्मृति में प्रभाष परंपरा न्यास ने उनके जन्मदिन के सप्ताह में रविवार 20 जुलाई 2014 को राजघाट स्थित गांधी स्मृति दर्शन में एक व्याख्यान प्रभाष प्रसंग - 5 का आयोजन हुआ।

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