Tag: Sanjay Sinha
रावण पटना कैसे चला आया?
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के बाद भगदड़ मचने से 33 लोगों के मारे जाने की दर्दनाक खबर है। इस खबर से उमड़ी संजय सिन्हा की भावनाएँ...
पौधे अकेले में सूख जाते हैं
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक
मेरी पत्नी ने कुछ दिनों पहले घर की छत पर कुछ गमले रखवा दिये। फिर किसी नर्सरी से कुछ पौधे मँगवा कर छत पर ही उसने एक छोटी-सी बगिया बना ली।
दूसरे की आइसक्रीम पर लालच, अपनी आइसक्रीम का पता नहीं
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
एक छोटा बच्चा अपनी आइसक्रीम पीछे छिपा कर एक बच्ची से यह कह रहा था कि देखो आसमान में कितने सुंदर पक्षी उड़ रहे हैं। लड़की जब आसमान की ओर देखती है तो बच्चा उसकी आइसक्रीम चाट रहा होता है और मन में सोचता है कि वह कितना स्मार्ट है जो अपनी आइसक्रीम छुपा कर दूसरे की आइसक्रीम का स्वाद ले पा रहा है।
जीवन जीने की तैयारी में खर्च होता जीवन
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
कल किसी ने मुझे एक चुटकुला मैसेज किया। चुटकुला पढ़ कर मुझे हँसना चाहिए था, लेकिन मैं सारी रात सोचता रह गया। आइये पहले उस चुटकुले को आपसे साझा करता हूँ, फिर क्या सोचता रह गया इसे भी साझा करूँगा।
जब चिड़िया का दाना नहीं लौटाया पेड़ ने
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
बहुत छोटा था तो माँ अपने साथ सुलाते हुए उस चिड़िया की कहानी सुनाती थी, जिसका एक दाना पेड़ के कंदरे में कहीं फँस गया था। चिड़िया ने पेड़ से बहुत अनुरोध किया वह दाना लौटा देने के लिए।
कोई नहीं कर सकता संपूर्ण सच का सामना
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
जितनी बार मेरी मुलाकात राजीव खंडेलवाल से होती है, मुझे लगता है कि आदमी को कभी न कभी 'सच का सामना' करना ही चाहिए। राजीव की पहचान टीवी शो 'सच का सामना' से बनी थी, और फिर उनकी एक दो फिल्में भी आयीं।
किसी ने लौटाया नहीं दाँतों का कर्ज
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
दूसरों की प्रेम कहानी सुनना बहुत आसान होता है, लेकिन अपनी प्रेम कहानी सुनाना मुश्किल। मैं तमाम लड़कियों को जानता हूँ, जो अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार और रवि शास्त्री जैसों से अपने लगाव की कहानी तो सुना देती हैं, लेकिन सामने वाले घर के 'ही मैन' की चर्चा करने में पसीने छूट जाते हैं।
सोते हुए बच्चे को न दुलारें, वरना…
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मैं कभी सोते हुए बच्चे को चुम्मा नहीं लेता। मुझे पता है कि सोते हुए बच्चे को चुम्मा लेने से कोई फायदा नहीं, उल्टे नुकसान है।
शाहरुख को चाहिए अपना निजी विमान
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मुझे कभी पैसे की कमी नहीं महसूस हुई। जब डेढ़ हजार रुपये महीने के मिलते थे, तब भी नहीं और आज तो बिल्कुल नहीं।
चैन की अच्छी नींद के लिए
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
उसे सोना था। उसे उठ कर फिर सुबह की भागदौड़ में शरीक होना था। वह देर रात घर आया। आते ही उसे सो जाना था, क्योंकि सुबह समय पर जगना ही था। लेकिन सोने से पहले उसने देखा कि बिस्तर ठीक नहीं है।