Saturday, August 9, 2025
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नीतीश के लिए चुनौती, लालू के लिए अवसर

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :

जेपी के दायें-बाएँ खड़े रहनेवाले उनके दोनों चेले लालू-नीतीश सत्ता के लिए आपस में पिछले दो दशक से लड़ते रहने के वावजूद अगर आज एकसाथ खड़े हैं तो बिहार की राजनीति तो बदलेगी ही।

बिहार भाग्य-विधाता?

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार

जनता परिवार का विलय का अधर में पड़ जाना और आरजेडी-जेडीयू के बीच गठबन्धन की संभावना का कमजोर होना, केवल लालू, नीतीश के लिए ही नहीं बल्कि बीजेपी के लिए और खासतौर पर बिहार की जनता के लिए भी एक बुरी खबर है।

खेती के जरिये ही साकार होगा अच्छे दिन का सपना

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार

26 मई 2016 नरेन्द्र मोदी सरकार और देश के 50 करोड़ माध्यम वर्ग के लिए खास होगा। मोदी के लिए इसलिए क्योंकि इसी दिन एक साल पहले वो सत्ता पर काबिज हुए थे और माध्यम वर्ग के लिए भी खास इसलिए कि उसने मोदी से अपने लिए अच्छे दिन लाने की उम्मीद से उन्हें सत्ता सौंपी थी।

अभी धुंधली है विधान सभा चुनाव की तस्वीर

 

 

 

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार

बिहार विधानसभा का चुनाव का बिगुल बज चूका है। चुनाव आयोग सितम्बर -अक्तूबर माह में चुनाव कराने की तैयारी में जुट गया है। लेकिन अभी तक राजनीतिक समीकरण साफ नहीं हैं। वैसे तो बीजेपी बनाम जनता परिवार के बीच की लड़ाई बनाने की तैयारी है। लेकिन वह अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।

पीएम, प्रेसिडेंट की जगह महापुरुषों तस्वीर क्यों नहीं?

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी पैसे से मन्त्रियों और नेताओं की मार्केटिंग पर रोक लगा दी है।

बीजेपी के बुजुर्ग नेताओं की चुनौती

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :

प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनने के बावजूद बीजेपी के अन्दर परिवर्तन का दौर थमा नहीं है। वैसे पार्टी स्तर पर इस तरह के परिवर्तन की शुरुआत तो नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते राष्ट्रीय राजनीति में दखल के साथ ही शुरू हो गयी थी, जो अब उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद साफ दिखने लगी है।

अभी जिंदा हैं बदलाव की संभावनाएँ!

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :

स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री द्वारा लोक लुभावन घोषणाएँ की जाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इसी तरह की उम्मीद देश को थी। दरअसल प्रभु वर्ग जरुरी फैसले कम लोकप्रिय फैसले ज्यादा लेता है।

बिहार और भ्रष्टाचार की ट्रिकल डाउन थ्योरी

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :

मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का सार्वजनिक रूप से ये खुलासा कि जब वो मंत्री थे उन्हें बिजली बिल कम करवाने के लिए पाँच हजार रुपये की रिश्वत देनी पड़ी और उनकी यह स्वीकारोक्ति कि नीतीश कुमार के राज में विकास से ज्यादा रफ्तार से भ्रष्टाचार बढ़ा है, कई बड़े सवाल व्यवस्था को लेकर खड़ा करता है।

संसद को क्यों चाहिए स्टार सांसद?

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :

मनोनीत सांसदों क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और अभिनेत्री रेखा की गैरहाजिरी का मुद्दा शुक्रवार को राज्य सभा में गूंजा। सांसदों ने उनके लगातार अनुपस्थित रहने पर सवाल उठाया और उनकी राज्य सभा की सदस्यता रद्द करने की माँग की।

ये कैसी बर्खास्तगी?

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :

मिजोरम की राज्यपाल कमला बेनीवाल को बुधवार को बर्खास्त कर दिए जाने को लेकर एकबार फिर से राज्यपालों को जबरिया हटाये जाने का मामला गरमा गया है। राज्यपाल को हटाये जाने का बहाना सरकार चाहे जो भी बनाये गुजरात के राज्यपाल के रूप में कमला बेनीवाल और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़वाहट भरे रिश्ते किसी से छुपे नहीं थे।

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