Tag: Vidyut Prakash Maurya
रायते में डूबे समोसे का क्या कहना

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
दो समोसे दही के शानदार रायते में डूबे हुए। पत्ते के दोने में परोसे गये। यह है ओरछा की सुबह का नास्ता। हालाँकि रायता समोसा बुंदेलखंड कई शहरों का लोकप्रिय नास्ता है पर जैसा रायता समोसा ओरछा में मिलता है वह और कहीं नहीं मिलेगा। राजा राम मंदिर के सामने चौराहे पर कई मिष्टान भंडार में आपको यह नास्ता मिल जाएगा। समोसे तो आपने अक्सर चटनी के साथ खाये होंगे पर इसे बूंदी रायता में डूबा कर खाने का आनंद कुछ अलग ही है।
जम्हाई लेते जंगलों के बीच ओरछा

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
बलखाती बेतवा, जम्हाई लेते जंगलों के बीच छिपा है ओरछा। वैसे ओरछा का मतलब ही होता है छिपा हुआ। तो छिपा हुआ सौंदर्य ही है ओरछा, जिसकी तलाश में दुनिया भर से सैलानी यहाँ पहुँचते हैं। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले का शहर। पर टीकमगढ़ यहाँ से 90 किलोमीटर है। यूपी का झांसी शहर 16 किलोमीटर है। इसलिए ओरछा पहुँचे का सुगम रास्ता उत्तर प्रदेश के झांसी शहर से है।
बदलाव की बयार – महात्मा गाँधी सेवा आश्रम जौरा

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
चंबल घाटी में मुरैना शहर से 25 किलोमीटर आगे छोटे से कस्बे में स्थित महात्मा गाँधी सेवा आश्रम जौरा वह जगह है जो देश भर के हजारों लाखों युवाओं को प्रेरणा देती है। इस आश्रम की स्थापना 1970 में हुई। दरअसल महान गाँधीवादी सुब्बराव महात्मा गाँधी के जन्म शताब्दी वर्ष पर चलायी गयी प्रदर्शनी ट्रेन के प्रभारी थे।
बंद हुई जबलपुर नैनपुर नैरोगेज

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
और सतपुड़ा एक्सप्रेस का रोमांचक सफर हमेशा के लिए थम गया। एक अक्टूबर 2015 से जबलपुर-नैनपुर खंड छोटी लाइन को बंद कर दिया गया है। ऐसे में इस पटरी पर रोजाना दौड़ने वाली 24 ट्रेनों का सफर हमेशा के लिए खत्म हो गया है। इसके साथ ही 111 साल का शानदार सफर इतिहास बन गया। न सिर्फ सतपुड़ा एक्सप्रेस बल्कि तमाम ट्रेनें अब इतिहास के पन्नों का हिस्सा बन चुकी हैं।
कभी मंदिरों का समूह था कुतुबमीनार कांप्लेक्स

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
एक दिन बेटे अनादि ने कहा पापा कुतुबमीनार देखने चलते हैं। वह जो तीन साल के थे तब सरदियों की एक मीठी धूप में कुतुबमीनार गये थे। पर उसकी उन्हें याद नहीं। लिहाजा एक बार फिर कुतुबमीनार की सैर पर निकले अगस्त 2015 में श्रीकृष्णजन्माष्टमी के दिन। पहले इस्कान टेंपल फिर लोटस टेंपल फिर कुतुब कांप्लेक्स। तो आइए चलते हैं कुतुबमीनार की सैर पर....
कमल मंदिर यानी लोटस टेंपल

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
अगर आप दिल्ली में कोई हरा भरा और सुंदर आध्यात्मिक स्थल तलाशकर वहाँ कुछ वक्त गुजारना चाहते हैं तो लोटस टेंपल यानी कमल मंदिर से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती। 27 एकड़ के दायरे में फैली हरियाली यहाँ आपका मनमोह लेगी। इस हरियाली की सिंचाई के लिए रिसाइकिल किए गये जल का इस्तेमाल किया जाता है जो प्रेरक कार्य है। ये मंदिर वास्तुकला, पर्यावरण संरक्षण का अदभुत उदाहरण है।
सम्राट अशोक ने बनवाया था साँची का स्तूप

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
दिसंबर 1994 की सर्दियों का समय था जब किसी काम से भोपाल जाना हुआ। पहले दिन को साउथ तांत्या टोपे नगर (टीटी नगर) में यूथ होस्टल में ठहरा। अगले दिन एनवाईपी के भाई प्रिय अभिषेक अज्ञानी आकर अपने घर ले गये। उनके घर हफ्ते भर रहा। इस दौरान वह रोज मुझे मार्ग समझा देते और मैं अपनी मर्जी से अकेले भोपाल और आसपास घूमता रहता। एक दिन साँची जाने को तय किया। सो सुबह सुबह ट्रेन पकड़ी पहुँच गया साँची। साँची में विशाल बौद्ध स्तूप तो है ही। साँची मध्य प्रदेश के दूध का ब्रांड भी है। ठीक वैसे ही जैसे बिहार का सुधा, यूपी का पराग, हरियाणा का वीटा, पंजाब का वेरका, कर्नानटक का नंदिनी
तेरे नाम पे सबको नाज है, उसका नाम गरीब नवाज है…

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
1998 के वसन्त में पहली बार अजमेर की यात्रा पर गया था। जयपुर के बाद बस से अजमेर। फिर पुष्कर। एक बार फिर 2008 के मार्च में अनादि और माधवी के साथ अजमेर जाना हुआ। आज इच्छा हुई ख्वाजा को याद किया जाए।
भरतपुर का संग्रहालय : 56 खंभे लाल दीवारें

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
भरतपुर किले के अंदर भरतपुर स्टेट म्यूजियम स्थित है जिसको देखे बिना आपकी भरतपुर यात्रा अधूरी है। ऑटो रिक्शा वाला मुझे भरतपुर किले के मुख्य द्वार पर छोड़ देता है। पुल पारकर अष्टधातु गेट से मैं अंदर प्रवेश करता हूँ। कई घोड़ा गाड़ी दिखायी देते हैं। यानी भरतपुर शहर में अभी भी घोड़ा गाड़ी चलते हैं। मैं देखता हूँ कि किले के मुख्य द्वार के अंदर भी आबादी बसी है। दुकाने हैं लोगों के घर हैं। थोड़ी दूर आगे चलने पर टाउन हाल आता है। यहाँ से बाईं तरफ चलने पर स्टेट म्यूजियम का पता पा लेता हूँ। गरमी है इसलिए रूक कर जूस पीता हूँ। संग्राहलय के प्रवेश द्वार पर टिकट घर है। प्रवेश टिकट 10 रुपये का है।
पुण्य सलिला माँ गंगा का मन्दिर – गंगा महारानी मन्दिर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
गंगा महारानी का मन्दिर राजस्थान के भरतपुर शहर का बहुत ही सुंदर मन्दिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसके बनने में 90 साल का समय लगा था। यह मन्दिर भरतपुर किले के मुख्य द्वार के सामने स्थित है। मन्दिर की वास्तुकला देखते ही बनती है। मन्दिर के अंदर मगरमच्छ पर सवार माँ गंगा की प्रतिमा है।