Tag: Vidyut Prakash Maurya
हर ‘आम’ में है कुछ खास
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
आम फलों का राजा है। आम सिर्फ स्वाद में ही बेहतर नहीं है बल्कि यह अनेक गुणों का खजाना है।
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस : विश्व विरासत का रेलवे स्टेशन
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस नया नाम है। पुराना नाम था विक्टोरिया टर्मिनस। देश के अति व्यस्त रेलवे स्टेशनों में एक। आधा हिस्सा लंबी दूरी के ट्रेनों के लिए तो आधा हिस्सा लोकल ट्रेनों के लिए समर्पित है।
शिमला में हनुमान जी का जाखू मन्दिर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
जब आप शिमला घूमने जाएँ तो जाखू मन्दिर जरूर जाएँ। जाखू मन्दिर शिमला की सबसे ऊँची चोटी पर स्थित है।
सबके प्यारे हैं दगड़ुसेठ हलवाई के गणपति
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
पुणे के बुधवार पेठ में दगड़ुसेठ गणपति का मन्दिर है। ये पुणे शहर का सबसे लोकप्रिय मन्दिर है।
शनिवार वाडा : कभी शानदार किला था, अब यहाँ डर लगता है
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
पुणे शहर का शनिवार वाडा। पुराने पुणे शहर के बीचों बीच स्थित शनिवार वाडा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर देश के संरक्षित स्मारकों में से एक है।
ओझर के विघ्नहर गणपति (अष्टविनायक)
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
महाराष्ट्र के अष्ट विनायक मन्दिर में सबसे लोकप्रिय मन्दिरों में है ओझर के गणपति।
लेण्याद्रि की बौद्ध गुफाएँ और गणपति
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
पुणे नासिक रोड पर जुन्नर कस्बे के पास ऐतिहासिक लेण्याद्रि की गुफाएँ हैं। यहाँ कुल 321 खड़ी सीढ़ियाँ चढ़ कर गुफाओं तक पहुँचना पड़ता है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से संरक्षित स्मारक है।
शिवनेरी में हुआ था शिवाजी का जन्म
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
छत्रपति शिवाजी यानी महाप्रतापी हिन्दू सम्राट। शिवाजी का जन्म हुआ था महाराष्ट्र के शिवनेरी के किले में।
डमरू वाले देवता शिव का भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से तीन महाराष्ट्र में पड़ते हैं। नासिक के पास त्रयंबकेश्वर, औरंगाबाद के पास घुश्मेश्वर और पुणे के पास भीमाशंकर। पुणे से भीमाशंकर का रास्ता अत्यन्त मनोरम है। सह्याद्रि क्षेत्र की हरियाली के पग-पग पर दर्शन होते हैं। ये महाराष्ट्र का सबसे समृद्ध इलाका है।
गीत गाया पत्थरों ने : अजन्ता
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
यहाँ पत्थरों में सुनाई देता है संगीत। अनवरत संगीत। प्राणों को झंकृत कर देने वाला संगीत। जो अन्यत्र दुर्लभ है।
सैकड़ों साल हजारों कलाकारों की अनवरत तपस्या की परिणति है अजन्ता की गुफाएँ।
अजन्ता की गुफाओं में बनी कलाकृतियों में हजारों शिल्पियों के श्रम और साधना को महसूस किया जा सकता है।