Tag: Vidyut Prakash Maurya
अदभुत, अनूठा है गोबिंद बाग का लेजर शो
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
एक घंटे में पूरे सिख इतिहास की कहानी। दस गुरुओं की कहानी। बलिदान की कहानी।
श्री हुजुर साहिब (नांदेड़) की ओर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
अमृतसर से नांदेड़ को जोड़ती है दैनिक चलने वाली सचखंड एक्सप्रेस। बड़ी संख्या में हर रोज पंजाब के श्रद्दालु हुजुर साहिब के लिए इस ट्रेन से रवाना होते हैं। एक दिन दिल्ली से हम भी इस रेल के मुसाफिर बन गये।
माथेरन में देना पड़ता है प्रवेश शुल्क
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
माथेरन देश में एक ऐसा शहर है जहाँ हर सैलानी को प्रवेश शुल्क देना पड़ता है । आजकल हर बाहरी वयस्क के लिए 50 रुपये और बच्चों के लिए 25 रुपये ।
तीन मूर्ति भवन : यहाँ विराजती है दिलकश हरियाली
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
दिल्ली का तीन मूर्ति भवन। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का निवास स्थान। नेहरू जी के बाद को संग्रहालय और पुस्तकालय में परिणत कर दिया गया है।
अदभुत, अकल्पनीय, अनिंद्य, अभिराम है मुगल गार्डन
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
भारत के राष्ट्रपति के निवास स्थान राष्ट्रपति भवन के परिसर में स्थित है मुगल गार्डन। ये बागीचा साल में सिर्फ एक महीने ही आम जनता के लिए खोला जाता है।
कैसे पड़ा दिल्ली नाम
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
देश की राजधानी दिल्ली। कभी इसका नाम इंद्रप्रस्थ था। कभी शाहजहानाबाद। पर दिल्ली का नाम दिल्ली कैसे पड़ा, इस बारे में कई कहानियाँ हैं। कहा जाता है कि फारसी शब्द दहलीज से दिल्ली नाम पड़ा। विदेशी इसे भारत की दहलीज मानते रहे।
नंदन कानन : ओडिशा का अनूठा जैविक उद्यान
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में स्थित नंदन कानन उद्यान देश के सुंदरतम चिड़ियाघरों में से एक है। इसके साथ खास बात यह है कि प्राकृतिक वन क्षेत्र में यह जैविक उद्यान बनाया गया है।
…और बड़ौदा तक पहुँची नैरो गेज रेल
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
एक जुलाई 1880 को नैरो गेज लाइन दभोई से चलकर गोया गेट ( बड़ौदा) तक पहुँची। हालाँकि इस लाइन के लिए सर्वे काफी पहले 1860 में ही कर लिया गया था।
प्रतापनगर : यहाँ देखिये नैरो गेज का इतिहास
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
प्रताप नगर रेलवे स्टेशन की दूरी बड़ौदा रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर है। हालाँकि दोनों स्टेशन रेलवे लाइन से भी संपर्क में हैं। पर अगर आपको प्रताप नगर कभी भी पहुँचना हो तो वड़ोदरा रेलवे स्टेशन से ऑटो रिक्शा से जाना पड़ता है।
मुंबई-सूरत की लाइफ लाइन है डबल डेकर ट्रेन
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
नाम है फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस। गुजरात के व्यासायिक शहर सूरत को देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई से जोड़ती है। इसलिये ट्रेन में भीड़ भी खूब होती है।