Tag: Vidyut Prakash Maurya
धन्य किहिन विक्टोरिया जिन्ह चलाईस रेल
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
धन्य किहिन विक्टोरिया जिन्ह चलाईस रेल, मानो जादू किहिस दिखाइस खेल...
सयाजीराव गायकवाड़ का बड़ौदा शहर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
गुजरात का बड़ौदा शहर। अब इसका नाम बदलकर कागजों में वड़ोदरा हो गया है। पर ऐतिहासिक रूप से ये बड़ौदा है। लोग आम बोलचाल में उच्चारित करते हैं बरोदा। तो आप वड़ोदरा और बड़ौदा को एक ही समझें। बड़ौदा मैं पहुँचा दूसरी बार तो नेशनल हाईवे नंबर आठ से मुंबई की ओर से।
एनएच 8 पर सूरत से बड़ौदा वाया गोल्डेन ब्रिज
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
कोसांबा जंक्शन से मुझे बड़ौदा जाना था। मैंने आगे की यात्रा ट्रेन के बजाये बस से करने की सोची। क्योंकि इस मार्ग पर मैं ट्रेन से तो कई बार आवाजाही कर चुका था। कोसांबा में लोगों ने बताया कि भरुच की तरफ जाने वाली गाड़ियाँ हाईवे से मिलेंगी।
सरपट मंजिल तक पहुँचाती हैं मेमू और डेमू
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
महानगरों में चलने वाली ईएमयू यानी इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट का बदला हुआ रूप है मेमू ट्रेन सेवा। मेमू यानी मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (Mainline Electric Multiple Unit) । ऐसी रेलगाड़ियाँ महानगरों से छोटे शहरों के बीच चलाई गयी हैं।
गाँधी जी को गिरफ्तार करने के लिए रुकी फ्रंटियर मेल
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
चार-पाँच मई 1930 की दरम्यानी रात। ब्रिटिश सरकार चुपके से गाँधी जी गिरफ्तार करती और उन्हें आगे ले जाने के लिए फैसला होता है रेलगाड़ी से। नवसारी के पास कराडी में पंजाब प्रांत से मुंबई जाने वाली फ्रंटियल मेल को रात में रोक लिया जाता है।
दमन का शानदार पुर्तगाली किला, चर्च और रिजार्ट
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
मोटी दमन में स्थित है दमन का विशाल पुर्तगाली किला। देश के ज्यादातर किलों को दर्शनीय स्थलों में तब्दील कर दिया गया है, पर दमन के इस 400 साल से ज्यादा पुराने किले में अब इसमें दमन संघीय सरकार के तमाम सरकारी दफ्तर संचालित किये जाते हैं।
नानी दमन और मोटी दमन
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
गुजरात के वापी शहर के पास दमन केंद्र शासित प्रदेश है। कभी गोवा दमन और दीव मिलकर एक प्रदेश हुआ करते थे, पर गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद दमन और दीव अब केंद्र शासित प्रदेश हैं। हालाँकि दमन और दीव के बीच 700 किलोमीटर की दूरी है, पर दोनों का प्रशासन एक ही है।
दो राज्यों का प्रवेश द्वार है वापी शहर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
गुजरात का एक शहर वापी। वैसे तो जिला मुख्यालय भी नहीं है, पर इसका अपना महत्व है। यह हमारे देश के दो राज्यों का प्रवेश द्वार है। वापी रेलवे स्टेशन से एक तरफ निकलें तो दादरा नगर हवेली की ओर जा सकता हैं, वहीं दूसरी ओर निकलें तो दमन जा सकते हैं।
वक्त के साथ बदलता सिलवासा
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
मुख्य द्वार से प्रवेश करने के बाद सिलवासा की ओर जाती हुई सड़क का सौंदर्य मनमोह लेता है। दोनों तरफ हरियाली और आगे बढ़ते रास्ते। टाउन हाल से लगा हुआ चौराहा सिलवासा शहर की धड़कन है। इसी चौराहे के आसपास राजधानी सिलवासा के तमाम दफ्तर हैं।
पर्यावरण बचाने का संदेश देती है बिलिमोरा वघई लाइन
विद्युत प्रकाश मौर्य :
अंबिका नदी के तट पर बसे नवसारी जिले के शहर बिलिमोरा से दिन भर में दो ही नैरोगेज रेलगाड़ियाँ वघई के लिए खुलती हैं, जो आपको गुजरात के एकमात्र हिल स्टेशन सापूतारा की ओर ले जाती हैं।