Tuesday, September 17, 2024
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विजयवाड़ा से विशाखापत्तनम केसानी ट्रेवल्स की बस से

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

आंध्र जैसे दक्षिण भारत के राज्यों के निजी बस आपरेटरों ने समयबद्ध सेवा की मिसाल पेश की है। ऐसा उत्तर भारत में नहीं देखने को मिलता। आमतौर पर जब आप दिल्ली में किसी एजेंट से बस बुक कराते हो तो मोटा कमिशन एजेंट के पास रह जाता है।

विजयवाड़ा शहर – पराठे और भरपेट थाली

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

आंध्र प्रदेश के शहरों में आमतौर पर भोजन की बात करें तो उसका मतलब भरपेट खाने की थाली होता है। यह थाली आमतौर पर चावल की होती है। विजयवाड़ा शहर में मार्च 2016 में भरपेट थाली मध्यम दर्जे के रेस्टोरेंट में मिल जाती है 70 रुपये की। यानी 70 रुपये में चाहे जितना मर्जी खाओ।

विजयवाड़ा से वासवीधाम की ओर एनएच 5 पर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

मैं विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन सही समय पर पहुँच चुका था। यहाँ से आगे मुझे पहुँचना है वासवी धाम, पेनुगोंडा जो राजामुंदरी के पास है। शादी में शामिल होना है। रत्नाराव जी के बेटे बालगंगाधर की। रत्नाराव जी के लिए हम परिवार के सदस्य की तरह हैं। साल 2007 में हैदराबाद के वनस्थलीपुरम में उनके घर रहने के बाद एक रिश्ता बन गया।

गाँधी हिल्स – बापू की याद में पहाड़ी पर स्मारक

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

बापू की स्मृतियाँ जहाँ-जहाँ हम वहाँ-वहाँ। विजयवाड़ा के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है गाँधी हिल्स। ये पहाड़ी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 10 के सामने है। सड़क के बगल में प्रवेश द्वार है। यहाँ आपको 10 रुपये का टिकट लेकर प्रवेश करना पड़ता है। प्रवेश का समय शाम 4.30 बजे से रात्रि 8 बजे तक का है। शहर की एक पहाड़ी पर माँ कनक दुर्गा बसती हैं तो दूसरी पहाड़ी पर गाँधी जी। देश के आजाद होने के बाद बापू की याद में यह कोई पहला स्मारक है जो किसी पहाड़ी पर बना है।

विजयवाड़ा का कनक दुर्गा मंदिर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

कनक दुर्गा का भव्य मंदिर विजयवाड़ा शहर के बीचों बीच पहाड़ी पर है। तिरूपति के बाद यह आंध्र प्रदेश के भव्य मंदिरों में से एक है। यहाँ पर सालों भर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

आइए फेयरी क्वीन को करें याद

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

भारतीय रेलवे के लोकोमोटिव (इंजन) के इतिहास में फेयरी क्वीन का अपना अनूठा महत्व है। जब हम विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन के बाहर निकलते हैं तो स्टेशन के लॉन में फेयरी क्वीन लोकोमोटिव खड़ी दिखायी देती है। मानो अभी चल पड़ने को तैयार हो। वास्तव में ये मूल फेयरी क्वीन नहीं है। पर रेलवे के इंजीनियरों ने इसका बिल्कुल वैसा ही रेप्लिका तैयार किया है। तो इस फेयरी क्वीन को भी देर तक निहारने की जी चाहता है।

अति व्यस्त रेलवे स्टेशन पर कायम है स्वच्छता – विजयवाड़ा

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

वैसे तो विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश का सबसे भीड़भाड़ वाला रेलवे स्टेशन है। स्टेशन पर कुल 10 प्लेटफार्म हैं। रोज सैकड़ों गाड़ियाँ गुजरती हैं। पर स्टेशन पर साफ सफाई का जो आलम है उसमें रेलवे को धन्यवाद देने का जी चाहता है। हमारी मिलेनियम एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 7 पर पहुँची। समय से पहले। हमारे पास दो घंटे का समय था। कुल 29 घंटे ट्रेन में था।

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