हमारी व्यस्त दिनचर्या का असर आँखों पर भी पड़ता है और इसकी वजह यह है कि हम सभी मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं। वहीं ऑफिस में कंप्यूटर या लैपटॉप पर नजरें गड़ाये रहते हैं। इस कारण हमारी आँखें बोझिल हो जाती हैं। धीरे-धीरे एक वक्त ऐसा आता है, जब आँखें सूखने लगती हैं। गर्मी […]
हमारी व्यस्त दिनचर्या का असर आँखों पर भी पड़ता है और इसकी वजह यह है कि हम सभी मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं। वहीं ऑफिस में कंप्यूटर या लैपटॉप पर नजरें गड़ाये रहते हैं। इस कारण हमारी आँखें बोझिल हो जाती हैं। धीरे-धीरे एक वक्त ऐसा आता है, जब आँखें सूखने लगती हैं। गर्मी के दिनों में तेज धूप में बाहर निकलने के कारण आँखें लाल हो जाती हैं या धूल आदि के कण आँखों में चले जाते हैं। ऐसे में हम पानी से आँखों को धोते हैं। इससे थोड़ी राहत मिलती है। लेकिन, सूख चुकी आँखों (Dry Eyes) को बार-बार धोना चाहिए या नहीं, इसके बारे में किसी विशेषज्ञ से भी सलाह लेने की जरूरत होती है।
आँखों का सूखना एक बहुत आम समस्या है। इस कारण होने वाली जलन की वजह से अक्सर लोगों का मन किसी काम में नहीं लगता है। बार-बार उनका ध्यान आँखों में होने वाले दर्द और जलन पर ही जाता है।
कृत्रिम (आर्टिफिशियल) टियर ड्रॉप (Tear Drop) का इस्तेमाल
नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार अगर आपकी आँखें सूखी रहती हैं, तो आप दिन में 3-4 बार कृत्रिम टियर ड्रॉप (Tear Drop) इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन अगर यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाये, तो आपको हर घंटे ड्रॉप डालने की जरूरत पड़ सकती है। जिन लोगों को आँखें बहुत ज्यादा सूखती हैं, उन्हें डॉक्टर कई बार ड्रॉप डालने के बदले आँखों के जेल (Eye Gel) की सलाह देते हैं। यह जेल आँखों में ड्रॉप्स के मुकाबले ज्यादा देर तक नमी बनाये रखता है।
बार-बार पानी से आँख धोना हो सकता है हानिकारक
विशेषज्ञों का कहना है कि आँखों को सूखने पर बार-बार पानी से धोना हानिकारक हो सकता है। नल का पानी अशुद्ध होता है। इन अशुद्धियों के कारण आँखों में संक्रमण होने और जलन बढ़ने का खतरा रहता है। ऐसे में डॉक्टरों की सलाह के बिना बार-बार पानी से आँखों को नहीं धोना चाहिए।
साथ ही कई डॉक्टर ऐसे मामलों में मोबाइल और लैपटॉप आदि का सीमित इस्तेमाल करने की सलाह भी देते हैं, ताकि आँखों को थोड़ा आराम मिले। इससे भी आँखों में होने वाली जलन कम होती है।
(देश मंथन, 2 अक्टूबर 2024)