मुंबई-सूरत की लाइफ लाइन है डबल डेकर ट्रेन

    0
    80

    विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

    नाम है फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस। गुजरात के व्यासायिक शहर सूरत को देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई से जोड़ती है। इसलिये ट्रेन में भीड़ भी खूब होती है।

    फ्लाइंग रानी देश की पुरानी रेलगाड़ियों में से एक है। यह 1906 से भारतीय रेल की पटरियों पर उड़ान भर रही है। यह वाकई सूरत के लोगों के दिल की रानी है। विश्व युद्ध के दौरान इसका सफर कुछ दिनों के लिये बाधित जरूर रहा था। पर कई दशक से ये सूरत के लोगों को महबूब ट्रेन है।

    सुबह-सुबह मैं सूरत रेलवे स्टेशन पर उतरा तो सामने के प्लेटफार्म पर फ्लाइंग रानी खड़ी थी। ट्रेन के खुलने में अभी 25 मिनट का समय था। सुबह 5.25 बजे फ्लाइंग रानी (12922) मुंबई के लिए टेक ऑफ करती है। मेरे पास समय था बुकिंग काउंटर पता करके वहाँ पहुँचा और फ्लाइंग रानी से बिलिमोरा जाने की टिकट ले आया। 

    फ्लाइंग रानी की खास बात है कि ये देश की एकमात्र ऐसी रेलगाड़ी है, जिसमें सेकेंड क्लास का डबल डेकर कोच लगा है। ट्रेन में कुल 12 डबल डेकर नान एसी कोच लगे हैं। इनमें हर कोच में 138 लोगों के बैठने की जगह है। यानी समान्य सीटिंग कोच से ज्यादा। पर इन डबल डेकर कोचों की बनावट कुछ अलग है। दोनों तरफ के दरवाजे जनरल डिब्बों की तरह बड़े हैं। दरवाजे के बाद स्टैंडिंग स्पेस काफी है। जहाँ लोकल सवारियाँ खड़े-खड़े भी सफर करती हैं। इसके बाद नीचे के तल के लिए कुछ सीढ़ियाँ उतरनी पड़ती हैं। 

    वहीं उपर के तल पर जाने के लिए कुछ सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती है। छतों की ऊंचाई थोड़ी कम है, इसलिये लंबे लोगों को थोड़ी दिक्कत हो सकती है। भीड़ हो जाने पर फ्लाइंग मेल के कोच में थोड़ी घुटन सी महसूस होती है। 12 कोच में सीटिंग के लिए आरक्षण होता है। छोटी दूरी का सफर है, इसलिये फ्लाइंग रानी के डबल डेकर डिब्बों को देखना और उसमें सफर करना सुखद है। ट्रेन के हर कोच में फ्लाइंग रानी का टाइम टेबल चस्पा किया गया है।

    वैसे फ्लाइंग मेल में दो वातानुकूलित कोच, 1 फर्स्ट क्लास का कोच और तीन जनरल श्रेणी के कोच हैं। जनरल श्रेणी वाले कोच भी डबल डेकर हैं। मुंबई की ओर से चलने वाली फ्लाइंग रानी शाम को 5.35 में सूरत के लिये रवाना होती है। हालाँकि फ्लाइंग रानी नाम की ही फ्लाइंग रानी है, इसकी औसत स्पीड किसी मेमू ट्रेन के बराबर ही है। सूरत मुंबई के बीच 263 किलोमीटर का सफर ये 4 घंटा 40 मिनट में तय करती है। रास्ते में ट्रेन के स्टापेज भी किसी पैसेंजर ट्रेन की तरह ही हैं। 

    आजकल देश में कई मार्गों पर एसी डबल डेकर ट्रेन चलायी जा रही है। दिल्ली जयपुर, चेन्नई बेंगलुरु, अहमदाबाद मुंबई मार्ग पर एसी डबल डेकर ट्रेनें चलती हैं। पर देश में डबल डेकर ट्रेन 1980 के दशक में मुंबई पुणे मार्ग पर चलायी गयी थी। सिंहगाड एक्सप्रेस में सेकेंड क्लास के डबल डेकर कोच लगाये गये थे। पर कुछ सालों बाद इन कोचों को हटा लिया गया। 

    (देश मंथन, 23 मार्च 2015)

    कोई जवाब दें

    कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
    कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें