देश मंथन डेस्क
नीतीश के लिए चुनौती, लालू के लिए अवसर

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :
जेपी के दायें-बाएँ खड़े रहनेवाले उनके दोनों चेले लालू-नीतीश सत्ता के लिए आपस में पिछले दो दशक से लड़ते रहने के वावजूद अगर आज एकसाथ खड़े हैं तो बिहार की राजनीति तो बदलेगी ही।
इक्कीसवीं सदी और कोईलवर का पुल

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
1857 में देश का पहला स्वतंत्रता संग्राम हुआ और उसके ठीक पाँच साल बाद पटना और आरा के बीच सोन नदी पर कोईलवर पुल का उद्घाटन हुआ। ये एक रेल सह सड़क पुल है।
मुश्किल में मित्र की पहचान होती है

संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
जब माँ मुझे और इस संसार को छोड़ कर जा रही थी तब मैं नहीं सोच पाया था कि माँ के चले जाने का मतलब क्या होता है। मेरी नजर में माँ कैंसर की मरीज थी और भयंकर पीड़ा से गुजर रही थी।
क्या ब्लैकमेल हो गये लालू?

अभिरंजन कुमार :
पूरी तरह से मर चुकी कांग्रेस और अधमरे जेडीयू ने बिहार में लालू यादव को ब्लैकमेल कर लिया। सच्चाई यह है कि चारा घोटाले में सज़ायाफ़्ता होने और 15 साल तक जंगलराज चलाने के आरोपों के बावजूद लालू यादव का जनाधार नीतीश की तरह क्षीण नहीं हुआ है।
जिन्दगी उठ कर गिरने और गिर कर उठने का नाम है

संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
मुझे नहीं पता कि आप में से कितने लोगों ने धान की बोआई और फिर उसकी रोपाई देखी है।
रोमांटिक है जयपुर का जल महल

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
जल महल राजस्थान की राजधानी जयपुर के मानसागर झील के मध्यप स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक महल है। जयपुर से आमेर की तरफ जाते हुए दाहिनी तरफ जल महल दिखायी देता है। राजा इस महल को अपनी रानी के साथ अपना खास वक्त बिताने के लिए इस्तेेमाल करते थे।
अकबर का होली-डे होमवर्क

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
बच्चों की आफत है, होली-डे में भी होमवर्क होता है।
उप्र चुनाव तक जनता परिवार का विलय मुश्किल

जनता परिवार के छह धड़ों का क्या विलय होगा? विलय की राह में दिक्कतें क्या हैं? विलय अगर हुआ तो कब तक संभावना है? बिहार में जनता दल यू और राष्ट्रीय जनता दल में गठबंधन होगा या नहीं और क्यों? गठबंधन का चुनावों पर क्या असर होगा। देश मंथन की ओर से राजीव रंजन झा ने वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक अजय उपाध्याय से इन मुद्दों पर बात की। पेश हैं इस बातचीत के कुछ अंश...
मन भरा तो मोक्ष मिला

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
पत्रकारिता में होने का कोई फायदा हो न हो, लेकिन एक फायदा जरूर है कि ऐसे कई लोगों से मिलने का मौका मिल जाता है, जिनसे आम तौर पर मुलाकात संभव नहीं।
जागिए, मैगी ने झिंझोड़ कर जगाया है!

कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार :
मैगी रे मैगी, तेरी गत ऐसी! क्या कहें? सौ साल से नेस्ले कम्पनी देश में कारोबार कर रही थी! दुनिया की जानी-मानी कम्पनी है।