देश मंथन डेस्क
शिलांग से दिल्ली वाया गुवाहाटी

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
शिलांग में दूसरे दिन गैरोटो चेपल चर्च, लेडी हैदरी पार्क और एयरफोर्स म्युजिम देख लेने के बाद अनादि और माधवी को भूख लग गई थी। सुबह का नास्ता तो हमने होटल के पास पूरी सब्जी वाले के पास कर लिया था।
युद्ध में बहादुरी की दास्तां बयां करता एयरफोर्स म्यूजियम

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
लड़ाकू विमान हंटर के साथ जिसने पाकिस्तान के साथ दो युद्धों में जलवा दिखाया....
हमारी खुशी

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
गाँव का एक आदमी मुंबई गया था और वहाँ वो ऊंची-ऊंची इमारतों को देख कर हैरान था।
माँ
संग-संग खिलखिलाती सात बहनें – सेवेन सिस्टर फाल्स

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
चेरापूंजी में हमारा आखिरी पड़ाव है सेवेन सिस्टर फाल्स। जैसा की नाम से ही लगता है कि यहां सात झरने होंगे। हमारे यहां पहुंचने तक शाम के 5 बज गए हैं। जैसा कि आपको पहले भी बताया है कि चेरापूंजी में मौसम तेजी से बदलता है।
आईए बारिशों का मौसम है…. चेरापूंजी

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
चेरापूंजी की सड़कों पर चलते हुए हमें एक मकान की छत पर बड़ा सा फुटबाल नजर आया। देखा तो यह भारत सरकार के मौसम विभाग के दफ्तर का भवन था। गुवाहाटी के आईएमडी यानी मौसम विभाग में पदस्थापित हमारे वैज्ञानिक दोस्त संजय ओनिल शा से मैंने इस फुटबाल का राज पूछा। उन्होंने बताया कि वास्तव में यह मौसम विभाग का रडार है।
नृत्य-प्रधान विश्व करि राखा

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
भागवत कथा के एक आयोजन में बैठा हुआ था, कथावाचक ने म्यूजिकल ब्रेक दिया और तन-डोले, मन -डोले की धुन पर नागिन डाँस चल पड़ा। महिलाएं हाथ को ऊपर फन की मुद्रा में ले जा कर लहराने लगीं। भागवत कथा में नागिन-नृत्य चल निकला है इन दिनों। म्यूजिकल ब्रेक के बाद फिर कथा चल निकलती है।
चेरापूंजी – मावसमाई की अदभुत गुफाएं

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
चेरापूंजी में एक अदभुत और कभी न भूलने वाला अनुभव हमारा इंतजार कर रहा था। मावसमाई की गुफाएं। टैक्सी पार्किंग में लगाने के बाद हम लोग आगे बढ़े तो बाहर चहल पहल थी।
इको पार्क – श्वेत निर्मल जल का सुमधुर संगीत

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
शिलांग से चेरापूंजी के रास्ते में आप कई खूबसूरत झरने देखते हुए आगे बढ़ते हैं। वाहकाबा फाल्स में जैसे झरने आपने देखे उसका बड़ा रूप इको पार्क में देखने को मिलता है।
आदिवासियों में शिक्षा की अलख जगाता रामकृष्ण मिशन आश्रम, चेरापूंजी

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
चेरापूंजी शहर का प्रमुख पड़ाव है रामकृष्ण मिशन आश्रम। 4500 फीट की ऊंचाई पर स्थित शहर में बने इस आश्रम परिसर वास्तव में बच्चों का एक स्कूल संचालित होता है।