राजीव रंजन झा
क्यों बढ़ती है मुस्लिम आबादी?

क़मर वहीद नक़वी :
मुसलमानों की आबादी बाकी देश के मुकाबले तेजी से क्यों बढ़ रही है? क्या मुसलमान जानबूझ कर तेजी से अपनी आबादी बढ़ाने में जुटे हैं? क्या मुसलमान चार-चार शादियाँ कर अनगिनत बच्चे पैदा कर रहे हैं? क्या मुसलमान परिवार नियोजन को इसलाम-विरोधी मानते हैं? क्या हैं मिथ और क्या है सच्चाई?
मेक इन इंडिया पर टिका देसी मोबाइल कंपनियों का भविष्य

राजेश रपरिया :
मोदी सरकार देश के आर्थिक विकास के लिए अपनी तमाम मंशाएँ जता चुकी है। 28 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में उन्हें कैसे मूर्त रूप मिलता है, इस पर भारतीय कॉर्पोरेट जगत की निगाहें टिकी हुई हैं।
व्हाट्सऐप्प (Whatsapp) अब वेब पर भी उपलब्ध

लोकप्रिय मैसेजिंग सेवा व्हाट्सऐप्प का इस्तेमाल अब पर्सनल कंप्यूटर या लैपटॉप पर भी इंटरनेट के माध्यम से किया जा सकता है।
जिंदगी सुन जरा मेरा इरादा क्या है

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
संजय से उसकी क्लास टीचर ने पूछा, "संजू अगर मैं तुम्हें दो रुपये दूँ, और फिर दो रुपये दूँ तो तुम्हारी जेब में कितने रुपये होंगे?"
संजू ने कहा कि मैडम जी, पाँच रुपये।
स्पाइसजेट की घर-वापसी

राजेश रपरिया
हिंदूवादी संगठनों के घर-वापसी अभियान पर मोदी और उनकी सरकार भले ही खुल कर कुछ कहने में असमर्थ हो, लेकिन देश की तीसरी सबसे बड़ी उड्डयन कंपनी स्पाइस जेट की घर-वापसी के लिए मोदी सरकार की सहृदयता चकित करने वाली है।
दिल्ली के दिल में क्या है?

क़मर वहीद नक़वी, वरिष्ठ पत्रकार :
दिल्ली जीते, फिर यहाँ जीते, फिर वहाँ जीते, इधर जीते, उधर जीते, पूरब जीते, पश्चिम जीते, उत्तर जीते, लेकिन अबकी बार दिल्ली का उत्तर क्या होगा?
कुछ तो बात है उदय शंकर में, जो औरों में नहीं

अजीत अंजुम, प्रबंध संपादक, इंडिया टीवी :
टीवी टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी स्टार इंडिया के सीईओ उदय शंकर के 'इम्पैक्ट पर्सन आफ द डिकेड' चुने जाने पर अगर यह कहते हैं कि मैं मीडिया इंडस्ट्री में पिछले 40 साल से काम कर रहा हूँ, लेकिन केवल एक आदमी को मैं ठीक से नहीं आँक पाया तो वे हैं उदयशंकर, तो इसी से पता चल जाता है कि उदय शंकर का एक मामूली रिपोर्टर से दो दर्जन चैनलों वाले स्टार इंडिया का सीईओ बनना और लगातार ऊँचाइयों की तरफ बढ़ते जाना कितने लोगों को चौंकाता है।
गले पड़ गया 100 दिनों का वादा

राजीव रंजन झा :
एनडीए सरकार के लिए 100 दिनों में विदेशों से काला धन वापस लाने का वादा उसी तरह गले पड़ गया है, जैसे यूपीए सरकार के लिए 100 दिनों में महँगाई घटाने का वादा गले पड़ गया था। अब 100 दिनों के बदले 150 से ज्यादा दिन गुजर चुके हैं और लोग पूछ रहे हैं कि सरकार बतायें, विदेशों से वापस लाया हुआ काला धन कहाँ है?
रावण पटना कैसे चला आया?

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के बाद भगदड़ मचने से 33 लोगों के मारे जाने की दर्दनाक खबर है। इस खबर से उमड़ी संजय सिन्हा की भावनाएँ...
बिल्ली के भाग्य से छींका नहीं टूटेगा?

क़मर वहीद नक़वी, वरिष्ठ पत्रकार :
नमो अब अमेरिका यात्रा पर हैं. अब वहाँ नमो-नमो हो रहा है! नमो वाक़ई बड़े कुशल खिलाड़ी हैं. ख़बरें बनाना जानते हैं. ख़बरों में रहना जानते हैं. मौक़ा कोई हो, बात कोई हो, यह ‘नमो-ट्रिक’ देश पहली बार देख रहा है कि राग नमो-नमो कैसे हमेशा चलता रहे!



राजेश रपरिया :
क़मर वहीद नक़वी, वरिष्ठ पत्रकार :
अजीत अंजुम, प्रबंध संपादक, इंडिया टीवी :
राजीव रंजन झा : 




