Wednesday, December 4, 2024

राजीव रंजन झा

142 पोस्ट0 टिप्पणी

दूसरे की आइसक्रीम पर लालच, अपनी आइसक्रीम का पता नहीं

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :

एक छोटा बच्चा अपनी आइसक्रीम पीछे छिपा कर एक बच्ची से यह कह रहा था कि देखो आसमान में कितने सुंदर पक्षी उड़ रहे हैं। लड़की जब आसमान की ओर देखती है तो बच्चा उसकी आइसक्रीम चाट रहा होता है और मन में सोचता है कि वह कितना स्मार्ट है जो अपनी आइसक्रीम छुपा कर दूसरे की आइसक्रीम का स्वाद ले पा रहा है।

उपचुनावों के नतीजों से गुमान टूटेगा भाजपा का

राजीव रंजन झा :

शायद ही किसी ने सोचा होगा कि लोकसभा चुनावों में तूफानी कामयाबी के बाद इन उपचुनावों में भाजपा इतना कमजोर प्रदर्शन करेगी।

उपचुनावी नतीजों के अर्थ-अनर्थ और फलितार्थ

पीयूष पांडेय, व्यंग्यकार :

उपचुनावों में भाजपा को मिली हार और कांग्रेस-समाजवादी पार्टी को मिली जीत की विवेचना। 

बिहारी छात्र को हुआ इश्क दिल्ली की लड़की से

बानयान प्रोडक्शंस की निर्माणाधीन फिल्म की शूटिंग के दौरान हाल ही में अभिनेता संजय सिंह और अभिनेत्री अनु से देश मंथन की बातचीत हुई।

बदले-बदले से सरकार नजर आते हैं

राजीव रंजन झा :

मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने का लेखा-जोखा हो, उनके जापान दौरे के आर्थिक-कूटनीतिक फलितार्थ हों या अभी-अभी सामने आये विकास दर के आँकड़े हों, इन सबमें एक बात समान रूप से निकल कर सामने आ रही है।

यही सब होगा तो साख कहाँ से आयेगी?

क़मर वहीद नक़वी, वरिष्ठ पत्रकार :

बच्चे थे, तब से सुन रहे हैं! शायद तब से अब तक हजारों बार सुन-पढ़ चुके हैं! न्याय न सिर्फ होना चाहिए, बल्कि होते हुए दिखना भी चाहिए! तो बाकी बातें छोड़ दीजिए, बस जी कर रहा है कि यही एक सवाल माननीय पी. सदाशिवम जी से पूछूँ।

जीवन जीने की तैयारी में खर्च होता जीवन

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :

कल किसी ने मुझे एक चुटकुला मैसेज किया। चुटकुला पढ़ कर मुझे हँसना चाहिए था, लेकिन मैं सारी रात सोचता रह गया। आइये पहले उस चुटकुले को आपसे साझा करता हूँ, फिर क्या सोचता रह गया इसे भी साझा करूँगा।

एक रात की कहानी की सूत्रधार अंजलि पाटिल

प्रकाश झा की फिल्म चक्रव्यूह की 'जूही' और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (विशेष उल्लेख) हासिल कर चुकी अभिनेत्री अंजलि पाटिल हाल में एक फिल्म की शूटिंग के लिए दिल्ली में थीं।

कोई दो आँसू तो बहाता योजना आयोग के इस अंत पर!

योजना आयोग जैसी कद्दावर संस्था का यूँ मौन अंत बड़ा निरीह लग रहा है। गणतंत्र बनने के तुरंत बाद इस संस्था का गठन नये भारत के निर्माण के लिए हुआ था।

मोदी देंगे 75,000 करोड़ रुपये का तोहफा?

राजेश रपरिया :

अपने पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण में प्रधानमंत्री मोदी देश के निम्न आय वर्ग के 7.5 करोड़ परिवारों को नायाब तोहफा देने की घोषणा करेंगे, जिनके अभी बैंकों में खाते नहीं हैं।