Friday, August 22, 2025

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अश्लील वेबसाइटों पर प्रतिबंध

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :

इंटरनेट पर चलने वाली अश्लील दृश्यावलियों के बारे में भारत सरकार का रवैया काफी अजीब है। सरकार के अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल ने सर्वोच्च न्यायालय के सामने बहस करते हुए कहा कि अश्लील वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया तो देश को भारी नुकसान हो जायेगा।

मुलायम की बिसात पर क्या राहुल क्या मोदी

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :

नेताजी से ज्यादा यूपी की राजनीति कोई नहीं समझता। और सियासत की जो बिसात खुद को पूर्वांचल में खड़ा कर नेताजी ने बनायी है, उसे गुजरात से आये अमित शाह क्या समझे और पुराने खिलाड़ी राजनाथ क्या जाने।

आपका क्या होगा जनाबे आली

रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :

"मैं बिहार से आया हूँ। आप का प्रचार करने। सर किराये पर कमरा लेने गया तो पूछा किस लिए चाहिए। मैंने सही बता दिया कि अरविंद केजरीवाल का प्रचार करने आया हूँ।

जेएनयू ने देश को क्या दिया?

दीपक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार :

हारवर्ड और एमआईटी (MIT) बोस्टन विश्व विद्यालयों ने अमेरिका को अमेरिका बनाया। ऑक्सफोर्ड और केम्ब्रिज ने ब्रिटेन को नयी बुलंदिया दी। एएमयू (AMU)/ बीएचयू (BHU), मद्रास, बाम्बे और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी पर भी हमें कभी नाज था।

शरद यादव का मोहभंग

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :

जनता दल (यू) के अध्यक्ष शरद यादव के मोह-भंग से कई सबक मिलते हैं। शरद यादव ने एक बार नहीं, दो बार सार्वजनिक-तौर पर कहा है कि जातिवादी राजनीति ने बिहार का नाश कर दिया है।

‘नीच राजनीति’ पर मोदी का पलटवार

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी : 

‘नीच राजनीति’ करने के प्रियंका गांधी के आरोप का नरेंद्र मोदी ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया है। मोदी ने इसे अपनी पिछड़ी जाति की पृष्ठभूमि से जोड़ दिया है।

बनारस की एक शाम

रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :

जिसने भी बनारस के चुनाव को अपनी आँखों से नहीं देखा उसने इस चुनाव को देखा ही नहीं। शाम को गंगा के स्पर्श से हवायें मचलने लगी थी।

प्रियंका के प्रति मेरी सहानुभूति

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :

प्रियंका वाड्रा ने शिकायत की है कि उनके भाई और मां के चुनाव क्षेत्र में कई लोग ऐसी पुस्तिकाएँ बंटवा रहे हैं, जो घोर आपत्तिजनक हैं। ये पुस्तिकाएँ वे रात के अंधरे में लोगों के घरों में डलवा रहे हैं।

अमेठी का बदला बनारस में?

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी : 

इसे अघोषित समझौता कहें। या एक राजनीतिक परिपाटी। पर कुछ अपवादों को छोड़ ऐसा होता आया है। बड़े नेता चाहे देश भर में घूम-घूम कर एक-दूसरे पर तीखे और करारे हमले करें, मगर एक-दूसरे के चुनाव क्षेत्रों में प्रचार करने नहीं जाते।

मैं आजमगढ़ से हूँ, मेरा शहर अब वो नहीं रहा

पीयूष श्रीवास्तव, पत्रकार : 

मैं, आजमगढ़ से हूँ, इस शहर ने मुझे जिंदगी के कठिन रास्तों पर चलना सिखाया। आज जो कुछ भी हूँ इस शहर की वजह से ही हूँ।