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सासाराम का ऐतिहासिक गुरुद्वारा चाचा फग्गूमल

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
सासाराम शहर शेरशाह के मकबरे के लिए प्रसिद्ध है। पर इस शहर में सिख इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण स्मृति है। शहर के जानी बाजार में है ऐतिहासिक गुरुद्वारा चाचा फग्गूमल, जहाँ सिखों के नौंवे गुरू तेगबहादुर जी 21 दिनों तक रहे और संगतों को अपने आशीर्वाद से निहाल किया।
भगवान के लिए आती है डाक

विद्युत प्रकाश :
सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन से 12 किलोमीटर दूर है रणथंभौर का किला। इतिहास में कई लड़ाइयों का साक्षी रणथंभौर अब जाना जाता है टाइगर सफारी के लिए तो गणेश जी के मंदिर के लिए।
मीडिया समाज में नागरिकता

रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
मैं चाहता हूँ कि आप जहाँ रहते हैं, देखिये यहाँ कितनी गंदगी है, ट्रैफिक बेहाल है, सड़क के किनारे रेहड़ी पटरी वालों ने कब्जा कर लिया है, बिजली नहीं आती है, उसकी हालत टीवी पर क्यों नहीं दिखाते हैं।
भारत-पाक-अफगान त्रिकोण?

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
पाकिस्तान के जितने भी केंद्रीय मंत्रियों, नेताओं, नौकरशाहों, फौजियों और पत्रकारों से रोज मेरी भेंट होती है, उनसे मैं एक सवाल जरूर पूछता हूँ। अफगानिस्तान से छह माह बाद जब अमेरिका की वापसी होगी तो क्या होगा?
उच्च शिक्षा को धंधे में बदलकर कौन सा पाठ पढ़ाये सरकार?

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
विश्व बाजार में भारत की उच्च शिक्षा है कमाई का जरिया
भारत की उच्च शिक्षा को दुनिया के खुले बाजार में लाने का पहला बड़ा प्रयास वाजपेयी की अगुवायी वाली एनडीए सरकार ने किया था।
शेरशाह का सासाराम

विद्युत प्रकाश :
बिहार का ऐतिहासिक शहर सासाराम। मुझे गर्व है कि इसी धरती पर मेरा जन्म हुआ। पर शहर की पहचान उस महान शासक से जुड़ी है जिसने देश को कई नायाब चीजें दीं और इतिहास के पन्नों पर अमर शासक बन गया।
काबुल पर कब्जा कैसे करेंगे?

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
पिछले दस-बारह दिनों में पाकिस्तान में काफी हंगामा होता रहा, लेकिन उसके साथ-साथ मेरी बातचीत कई केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, पार्टी-नेताओं, राजदूतों और फौजी जनरलों से होती रही। पत्रकारों से तो लगातार संवाद बना ही रहता है।
कादिरी के बड़े नाटक का सुखांत

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
पाकिस्तान आवामी तहरीक के नेता डा ताहिरूल कादिरी को स्वदेश आगमन सोमवार को एक बहुत बड़ा नाटक बनकर पूरा हो गया। वे रविवार की रात लंदन से दुबई होते हुए सोमवार की सुबह इस्लामाबाद पहुँचे थे।
वेधशाला है मान मंदिर महल

विद्युत प्रकाश :
वाराणसी में दशाश्वमेध घाट के ठीक बगल में स्थित है मान मंदिर महल। ये महल वास्तव में एक वेधशाला है। दिल्ली के जंतर मंतर की तरह। इस महल के साथ ही है मान मंदिर घाट। वहीं मान मंदिर महल की खिड़कियों से गंगा की लहरों का नजारा भी किया जा सकता है।
राजनीति की मौकापरस्ती बनाम रेलवे का कायाकल्प

राजीव रंजन झा :
लोकसभा चुनाव के नतीजों की गहमागहमी के बीच 16 मई को एक खबर कब आयी और किधर खो गयी, किसी को पता भी नहीं चला था। खबर यह थी कि आम चुनाव समाप्त होते ही रेलवे ने यात्री किरायों में 14.2 प्रतिशत और माल भाड़े में 6.5 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा कर दी और यह वृद्धि 20 मई से लागू होगी।