लोक सभा चुनाव 2014
तो अच्छे दिन ऐसे आयेंगे…
पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
सोने का पिंजरा बनाने के विकास मॉडल को सलाम ..
एक ने देश को लूटा, दूसरा देश को लूटने नहीं देगा। एक ने विकास को जमीन पर पहुँचाया। दूसरा सिर्फ विकास की मार्केटिंग कर रहा है।
नरेंद्र मोदी की निर्भीकता
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
चुनाव-अभियान के दौरान नरेंद्र मोदी जितनी निर्भीकता दिखा रहे हैं, शायद आज तक किसी पार्टी अध्यक्ष या प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने नहीं दिखायी।
बिहटा 7.86
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
पटना पीछे छूट गया है। गाड़ी तेज़ी से बनारस की ओर भाग रही है। सड़क के दोनों ओर खेतों की हरियाली अब सोने में बदल चुकी है। गेहूं कटने लगा है।
ओबामा के पद चिह्नों पर मोदी का प्रचार
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
अमरीका में 2008 में राष्ट्रपति का चुनाव हो रहा था। ओबामा अपने विज्ञापन की टीम के साथ बातचीत कर रहे थे। एक बड़े बैंकिंग फर्म के ध्वस्त होने की अफवाह जोरों पर थी।
आजादी के बाद मुसलमानों की अग्नि-परीक्षा !
पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
1952 में मौलाना अब्दुल कलाम आजाद को जब नेहरु ने रामपुर से चुनाव लड़ने को कहा तो अब्दुल कलाम ने नेहरु से यही सवाल किया था कि उन्हें मुस्लिम बहुल रामपुर से चुनाव नहीं लड़ना चाहिये।
तीन देवियों से मोदी की टक्कर
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
वो अगर तूफान के पहले की खामोशी थी तो तूफान आने के बाद एहसास हुआ कि उस खामोशी के पीछे क्या राज था। बात तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता की हो रही है जिन्होंने आखिरकार नरेंद्र मोदी और गुजरात के विकास मॉडल पर अपनी चुप्पी तोड़ ही दी।
बनारस का विरोध रस
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
बनारस इस चुनाव का मनोरंजन केंद्र बन गया है। बनारस से ऐसा क्या नतीजा आने वाला है जिसे लेकर कृत्रिम उत्सुकता पैदा की जा रही है।
जोर से बोलो तो जमाना सुनेगा
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
नफासत का ओढ़ा हुआ पुलिंदा लग रहा था। शख्स की ज़ुबान से नाम ऐसे छलक रहे थे जैसे महल की सीढ़ियों से शख्सियतें उतर रही हों।
स्पैम मेल में कांग्रेस का सवाल : क्या हमने देश डुबा दिया?
देश मंथन डेस्क :
कांग्रेस की डिजिटल टीम ने चुनाव प्रचार के लिए अब ईमेल का सहारा लिया है, हालाँकि बड़ी संख्या में लोगों को यह ईमेल उनके स्पैम फोल्डर में दिख रहा है।
मोदी का मिशन बनाम संघ का टारगेट
पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
मोदी को पीएम की कुर्सी चाहे 272 में मिलती हो लेकिन संघ का टारगेट 395 सीटों का है। संघ के इस टारगेट का ही असर है कि अगले एक महीने में मोदी के पांव जमीन पर तभी पडेंगे, जब उन्हें रैली को संबोधित करना होगा।
मोदी और केजरीवाल के 27 भेद
अभिरंजन कुमार :
बनारस में भारत माता के दो सच्चे सपूतों नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल के बीच होने वाले मुकाबले में 12 मई को जनता को फैसला सुनाना है।
सर्किट हाऊस के कमरा नं 1 ए से 7 रेसकोर्स की दौड़ तक
पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
2002 का "अछूत" 2014 में "पारस" कैसे बन गया?
नरेंद्र मोदी ने 6 अक्टूबर 2001 में जब सीएम की कुर्सी संभाली उस वक्त मोदी ने सोचा भी नही था कि जिस सीएम की कुर्सी पर बने रहने के लिये उन्हें विधानसभा की सीट देने के लिये कोई तैयार नहीं है, वही सीएम की कुर्सी 12 बरस बाद उन्हें पीएम की कुर्सी का दावेदार बना देगी।