लोक सभा चुनाव 2014
अब मोदी के खिलाफ बुद्धिजीवियों का प्रलाप
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
देश के तमाम जाने- माने बुद्धिजीवियों ने एक दिल्ली में 7 अप्रैल को प्रेस क्लब आफ इंडिया की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में न सिर्फ भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को जी-भर कर कोसा वरन एक साझा बयान पर हस्ताक्षर भी किए (जनसत्ता, 8 अप्रैल,2014)।
2014 के चुनावी लोकतंत्र में फर्जी वोटर का तंत्र
पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
2014 के आम चुनाव में उतने ही नये युवा वोटर जुड़ गये हैं, जितने वोटरों ने देश के पहले आम चुनाव में वोट डाला था।
मोदी को गाली देकर सीट निकल सकती है
दीपक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार :
कांग्रेस, सपा, बसपा, जेडीयू, आप... सभी मुस्लिम वोट बैंक की लड़ाई लड़ रहे हैं। इत्तेफाक है कि सभी लड़ने वालों के पास इस वोट बैंक पर कब्जा करने का फार्मूला एक ही है।
लो आ गया घोड़े पर सवार राजकुमार!
देश मंथन डेस्क
यह महज संयोग है या नरेंद्र मोदी और उनकी टीम का सोचा-समझा प्रचार, कहना मुश्किल है। मगर राहुल गांधी ने करीब साल भर पहले सीआईआई में अपने भाषण में जिस तरह से घोड़े पर किसी राजकुमार के आने की बात कही थी, बिल्कुल उसी अंदाज में एक सफेद घोड़े पर सवार नरेंद्र मोदी का चित्र सामने आया है।
‘आप’ का ‘आपना’ सिब्बल!
केंद्रीय संचार मंत्री और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने भी इंटरनेट पर अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन कुछ वेबसाइटों पर दिख रहे उनके प्रचार की पंक्ति लोगों को मुस्कुराने पर विवश कर रही है।
दूल्हा तो मोदी ही हैं, आडवाणी हैं नाराज फूफा
आडवाणी फिर से अपनी नाराजगी को लेकर सुर्खियों में हैं। पहले वे इस अंदेशे से नाराज थे कि बार-बार बुजुर्गों को लोकसभा चुनाव से दूर रहने की सलाह देने का मतलब कहीं उन्हें चुनावी दौड़ से बाहर करना तो नहीं है।
अरविन्द एक बार सोच लो, बनारस कहीं ठग ना ले
दीपक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार :
क्या अजीब इत्तेफाक है! बनारस के तीनों उम्मीदवार मोदी, मुख़्तार और केजरीवाल से जान पहचान है। तीनों से रिपोर्टिंग के रिश्ते आपके लिए अद्भुत, क्रांतिकारी हो सकते हैं। पर दो दशक की पत्रकारिता में ये सामान्य बात है। मैं तो इन रिश्तों का जिक्र सिर्फ इसलिए कर रहा हूँ कि आपको ये ना लगे कि पोस्ट बस यूँ ही लिख दी।
भाजपा का संक्रमण काल : अनुभव बनाम नया खून
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
परिवर्तन संसार का नियम है। पेड़ों पर पुराने पत्ते झरते हैं, नये पत्ते आते हैं।
मोदी बनाम सब
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
अब जबकि लोक सभा चुनाव के लिए ईवीएम पर पहला बटन दबने में सिर्फ़ एक महीना बचा है, एक बात साफ होती जा रही है।