लो आ गया घोड़े पर सवार राजकुमार!

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देश मंथन डेस्क

यह महज संयोग है या नरेंद्र मोदी और उनकी टीम का सोचा-समझा प्रचार, कहना मुश्किल है। मगर राहुल गांधी ने करीब साल भर पहले सीआईआई में अपने भाषण में जिस तरह से घोड़े पर किसी राजकुमार के आने की बात कही थी, बिल्कुल उसी अंदाज में एक सफेद घोड़े पर सवार नरेंद्र मोदी का चित्र सामने आया है।

मौका है नरेंद्र मोदी की वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा का, और यह चित्र खुद नरेंद्र मोदी के फेसबुक और ट्विटर खातों से जारी हुआ है। आज सुबह ही जारी इस तस्वीर के साथ टिप्पणी लिखी है – “जय माता दी! सांझीछत से वैष्णो देवी के रास्ते पर।”

अप्रैल 2013 में सीआईआई के एक कार्यक्रम में अपने शब्दों से कुछ ऐसी ही तस्वीर राहुल गांधी ने खींची थी। उन्होंने कहा था, “आपके पास एक ऐसा मॉडल होता है, जिसमें एक व्यक्ति आ कर सारी समस्याओं को दूर कर दे। वह एक घोड़े पर आयेगा। यही भारतीय मॉडल है। वह एक घोड़े पर आयेगा, कोई व्यक्ति पृष्ठभूमि में होगा। एक अरब लोग इंतजार कर रहे हैं कि वह आने वाला है और उसके बाद सारी चीजें ठीक हो जायेंगी। नहीं, अब चीजें ऐसे नहीं चलती हैं।”

राहुल ने आगे इसी बात को दोहराते हुए कहा था, “हमें इस देश को पुरानी सपनीली दुनिया से बाहर निकालना होगा, जब हम घोड़े पर सवार राजकुमार को प्यार करते थे। लोगों को लगता है कि एक राजकुमार घोड़े पर बैठ कर आयेगा और भारत की सभी समस्याओं को दूर कर देगा। मैंने पहले भी कहा है, ऐसा नहीं होने वाला है।”

इस ताजा तस्वीर में नरेंद्र मोदी घोड़े पर सवार हैं और उनके समर्थक मान रहे हैं कि मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही देश की तमाम समस्याएँ हल हो जायेंगी। इस लिहाज से राहुल गांधी ने जो रूपक खींचा था, उससे इस तस्वीर में काफी साम्य है। लेकिन नरेंद्र मोदी को लोग राजकुमार नहीं कहते। खुद मोदी अपने को ‘चाय वाला’ और राहुल गांधी को ‘शहजादा’ कहते हैं। 

इस तस्वीर के आते ही सोशल मीडिया पर लोग चुटकियाँ भी ले रहे हैं। छात्र नेता नाम के ट्विटर हैंडल से चुटकी ली गयी है कि “सफेद घोड़े पर सवार एक व्यक्ति। जरा देखें पृष्ठभूमि में कहीं सूर्य भी होगा।” उनकी इस चुटकी का संदर्भ भी राहुल गांधी के ही रूपक से है। गौरव सिंगला नाम के व्यक्ति ने लिखा है, “वही व्यक्ति, जिसकी बात राहुल गांधी ने सीआईआई में की थी।”

दिनेश सिंह मोदी व्यंग्य करते हैं, “क्या यह घोड़ा अंबानी और अडानी ने स्पांसर किया है? मीडिया को जवाब दें!” भविन जादव नाम के व्यक्ति कहते हैं, “चॉपर (हेलिकॉप्टर) ले लो सर जी, टाइम बचेगा।” उन्हें एक अन्य व्यक्ति जवाब देते हैं, “हेलीकॉप्टर सांझीछत तक ही जाता है, उसके आगे सबको पैदल/घोड़े/पालकी से ही जाना पड़ता है।”

अमित मिश्र का सवाल है कि “अगर अरविंद का गंगा में नहाना वोटबैंक की राजनीति थी तो फिर यह क्या है?” टेलीविजन पत्रकार मिलिंद खांडेकर की टिप्पणी दिलचस्प, लेकिन जरा पहेलीनुमा है। वे अंग्रेजी में लिखते हैं, “Rahul had said No Horse riding prince will solve your problem, I let you feel in the blank.” गौर करें कि उन्होंने fill (भरना) नहीं, feel (महसूस करना) लिखा है! राहुल ने कहा था कि घोड़े पर सवार राजकुमार आपकी समस्याएँ नहीं सुलझायेगा, मैं आपको शून्य में महसूस करने के लिए छोड़ता हूँ!

(देश मंथन, 26 मार्च 2014)

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