ऊधमी छोकरा, षोडशी सुंदरी और गैंडा

0
140

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :

लंबे समय से व्यंग्य लिखते हुए एक अनुभव आया कि फेसबुक, ट्विटर पर छपे व्यंग्य पर हासिल प्रतिक्रियाएँ त्वरित और कई बार असंतुलित होती हैं।

फेसबुक, ट्विटर माध्यम इसे संभव बनाता है। फेसबुक पर मैंने गौर किया कि मेरे लिखे व्यंग्य-लेखों पर तीन महत्वपूर्ण राजनीतिक धाराओं के समर्थकों, लंठ-समर्थकों की प्रतिक्रियाएँ इस प्रकार हैं-

ऊधमी छोकरा उर्फ आम आदमी पार्टी के लंठ समर्थक

आम आदमी पार्टी के समर्थकों का व्यवहार, प्रतिक्रिया कतई ऊधमी छोकरों सी होती हैं। उन्हे अगर कोई बात पसंद नहीं आती है, तो वह यहाँ कमेंट बाक्स में गाली-गलौज करते हुए ऐसी गालियों का प्रचुर मात्रा में प्रयोग करते हैं, जिनमें ल, च, म से युक्त शब्द बहुतायत में होते हैं। मैं फौरन ऐसे कमेंट डिलीट करके ऐसे वीरों को ब्लाक करता हूँ।

कुछ ज्यादा वीर मेरे इनबाक्स में जाकर धमकाते हैं, जिसमें वे मुझे अपनी पत्नी का भाई घोषित करते हुए मुझे फोड़-तो़ड़ देने की धमकी देते हैं। कोई सत्ताईस आप समर्थकों की पत्नियों का भाई हो चुका हूँ, मुझे ना मालूम कि मेरी उन बहनों को भाई पद पर हुई मेरी नियुक्ति का कोई इल्म है भी या नहीं।

आम आदमी पार्टी के समर्थक किसी भी पार्टी के समर्थकों के मुकाबले सबसे ज्यादा बदतमीज, बदजुबान, आक्रामक और हिंसक हैं, एकदम उस ऊधमी छोकरे की तरह, जो पूरी दुनिया को सिर्फ और सिर्फ अपनी निगाह से देखता है और जो वैसा करने से इनकार करे, वो बेइमान, मोदी का दलाल, अंबानी का एंजेट, अडानी का गुर्गा, मा………….द, ब………………..द(फिल इन दि ब्लैंक्स खुद कर लें)। ऐसे सभी असहमत इस ऊधमी छोकरे की निगाह में ठुकने-पिटने के काबिल हैं।

योगेंद्र यादवजी के इस पार्टी से जाने के बाद ऐसे छोकरे और ऊधमी होंगे, ऐसी मुझे आशा ही नहीं, वरन् पूर्ण वि्श्वास है।

मोदी समर्थक उर्फ षोडशी सुंदरी

मोदी समर्थकों में से कुछ का व्यवहार उस बेवकूफी की हद तक नादान सुंदरी का होता है, जो अपनी सुंदरता की दाद मिलने के बाद कहती है, जी उतनी तारीफ नहीं की, जितनी बनती थी। सुंदरी को यह समझाने की कोशिश की जाये, तुम शांत होकर बैठी रहो, ज्यादा दाद ना माँगो, ज्यादा चिकिर-चिकिर मत करो, कम बोल लो थोड़ा। तो सुंदरी नाराज होकर एकदम ल, च और म से युक्त गालियों का प्रयोग करने लगती है। आज ही फेसबुक पर मोदी जी पर एक पोस्ट लिखी, तो उनके एक लंठ समर्थक यादव जी ने च युक्त गालियों का प्रचुर प्रयोग किया, कमेंट बाक्स में लिखे एक कमेंट में। कमेंट डिलीट हो गया, यादव जी ब्लाक हो गये।

ऐसे लंठ समर्थक मोदी जी के प्रति कई बार बेवजह चिढ़ पैदा करवाते हैं, मोदी जी के इमेज मैनेजरों को ध्यान देना चाहिए।

कांग्रेस समर्थक उर्फ गैंडत्व

कांग्रेस के समर्थकों, नेताओं का बरताव कतई गैंडे के माफिक है, कुछ भी लिख लो, कुछ भी कह लो, कोई फर्क नहीं पड़ता

लोकतंत्र में हित में यह है –

आम आदमी के समर्थक थोड़े कम ऊधमी छोकरे हों। 

मोदी जी के समर्थक कतई षोडशी सुंदरी ना बनें।

कांग्रेस समर्थक – नेता गैंडत्व भाव से बाहर आयें।

(देश मंथन, 27 अप्रैल 2015)

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें