IC-814 कंधार विमान अपहरण : बॉलीवुड का पुराना रोग है ‘मुस्लिम तुष्टीकरण’

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IC814 Kandahar Hijack Netflix web series

बॉलीवुड में ‘विवाद’ को फिल्म या वेब सीरीज की सफलता की गारंटी मान लिया जाता है। यही वजह है कि रचनात्मकता की आड़ में कुछ लोग इस आजादी का गलत इस्तेमाल करते हैं और तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने के साथ ही वे लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने से भी परहेज नहीं करते हैं।

‘IC-814: द कंधार हाईजैक’ वेब सीरीज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गयी है। लेकिन फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा की यह वेब सीरीज अपनी रिलीज के साथ ही विवादों में भी घिर गयी है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस वेब सीरीज की काफी आलोचना की है और इसकी स्ट्रीमिंग रोकने की भी माँग कर डाली है।
इस वेब सीरीज को लेकर विवाद इसलिए हो रहा है कि इसमें अपहरणकर्ताओं के नाम हिंदू दिखाये गये हैं। इसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स की कंटेंट प्रमुख मोनिका शेरगिल को तलब किया है। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में नेटफ्लिक्स अधिकारी से सवाल किया गया कि वेब सीरीज में अपहरणकर्ताओं को ‘मजबूत और संवेदनशील’ दर्शाया गया है, जबकि उनसे वार्ता करने वालों (नेगोशिएटर) को ‘कमजोर और भ्रमित’ चित्रित किया गया है।
इंडियन एयरलाइन्स के विमान ‘IC 814’ का अपहरण करने वाले आतंकवादियों के नाम इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सईद, गुलशन इकबाल, सनी अहमद काजी, मिस्त्री जहूर इब्राहिम और शाकिर थे। इस वेब सीरीज में दिखाया गया है कि आतंकी विमान में ‘भोला’, ‘शंकर’, ‘डॉक्टर’, बर्गर और चीफ जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल करके एक-दूसरे से बात कर रहे हैं। ऐसे में लोगों ने ‘भोला’ और ‘शंकर’ जैसे हिंदू नामों पर आपत्ति जतायी है और अनुभव सिन्हा पर जान-बूझकर आतंकियों के असली नाम छिपाने का आरोप लगाया है।
इस विमान के अपहरण को लेकर गृह मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, विमान संख्या IC-814 में सवार यात्रियों ने पूछताछ के दौरान जाँच एजेंसियों को बताया था कि अपहरणकर्ता एक-दूसरे को बुलाने के लिए कोडनेम का इस्तेमाल कर रहे थे। वे विमान में एक दूसरे को डॉक्टर, चीफ, बर्गर, भोला और शंकर जैसे नामों से बुला रहे थे। लेकिन उनके असल नाम मुस्लिमों वाले थे। सारा विवाद अब इस वेब सीरीज में इसी बात को लेकर हो रहा है।

‘आर्टिकल 15’ का भी हुआ था विरोध

इस वेब सीरीज पर लोगों का कहना है कि निर्माता को इस देश के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है और निर्माताओं को किसी चीज को गलत तरीके से चित्रित करने से पहले 100 बार सोचना चाहिए। हालाँकि, इसके निर्माता अनुभव सिन्हा पहली बार ऐसे विवादों में नहीं घिरे हैं। वे 2019 में आयी अपनी फिल्म ‘आर्टिकल 15’ को लेकर भी तब विवादों में घिर गये थे। इस फिल्म को बदायूं में हुए सामूहिक बलात्कार कांड पर आधारित बताया था, जिसमें मुख्य आरोपी यादव समाज के थे। लेकिन फिल्म में अनुभव सिन्हा ने आरोपी को महंतजी (ब्राह्मण) का बेटा बताया था, जिसको लेकर खूब विवाद हुआ था।
उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में ब्राह्मण समाज ने इस फिल्म को लेकर आपत्ति जाहिर की थी और अनुभव सिन्हा पर जान-बूझकर तथ्यों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। दरअसल, बॉलीवुड में ‘विवाद’ को फिल्म या वेब सीरीज की सफलता की गारंटी मान लिया जाता है। यही वजह है कि रचनात्मकता की आड़ में कुछ लोग इस आजादी का गलत इस्तेमाल करते हैं और तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने के साथ ही वे लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने से भी परहेज नहीं करते हैं।

इन वेब सीरीज और फिल्मों को लेकर भी हुआ विवाद

यह पहली ऐसी वेब सीरीज या फिल्म नहीं है जो विवादों में घिरी हो। इसके पहले सेक्रेड गेम्स से लेकर पीके, ओह माय गॉड, पद्मावत, तांडव, पठान और लैला जैसी कई फिल्मों और सीरीज को लेकर भी निर्माताओं पर मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगे हैं। इन विवादों के कारण अक्सर जनता वह वेब सीरीज या फिल्म देखने को उत्सुक हो जाती है और निर्माता मोटी कमाई करके निकल जाते हैं, जबकि असल विवाद टीवी चैनलों की कुछ बहसों तक सीमित होकर रह जाते हैं।

(देश मंथन, 6 सितंबर 2024)

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