राजीव रंजन झा :
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और उत्तर प्रदेश पुलिस के नागरिक सुरक्षा आईजी अमिताभ ठाकुर के बीच लगभग दो मिनट तक फोन पर बातचीत ने यह दिखा दिया है कि इस राज्य में जो कुछ चल रहा है, उसे सीधे शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व का खुला समर्थन प्राप्त है।
मुलायम सिंह जैसे वरिष्ठ नेता एक आईपीएस अधिकारी को सुधर जाने के लिए कह रहे हैं। इसे हिदायत कहा जाये या धमकी, यह पाठकों के विवेक पर निर्भर है।
अमिताभ ठाकुर ने इसे धमकी के रूप में ही समझा है और इस धमकी के विरुद्ध प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराने का आवेदन दे दिया है। उन्होंने देश मंथन को बताया कि आज शनिवार को लगभग पौने बारह बजे उन्होंने लखनऊ के हजरतगंज थाने में इस बारे में आवेदन दे दिया है, जिसे पुलिस ने प्राप्त कर लिया है। हालाँकि खुद उन्हें भी उम्मीद नहीं है कि उत्तर प्रदेश पुलिस राज्य के सत्ताधारी दल के मुखिया और मुख्यमंत्री के पिता के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का साहस जुटायेगी।
ऐसे में उनके सामने आगे क्या रास्ता है? वे कहते हैं कि अगर पुलिस प्राथमिकी दर्ज नहीं करती है तो वे अदालत जायेंगे। शिकायत दर्ज कराने के एक दिन बाद तक कार्रवाई नहीं होने पर अदालत में जाने का विकल्प खुलता है। ऐसे में अमिताभ ठाकुर सोमवार को अदालत में अपनी अर्जी दे सकते हैं।
अमिताभ ठाकुर का आरोप है कि मुलायम सिंह ने उन्हें जो फोन किया, वह उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति मामले से ही संबंधित था। हालाँकि वे मानते हैं कि मुलायम सिंह ने इस मामले का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया, लेकिन वे कहते हैं कि बातचीत से लगता है कि मुलायम सिंह गायत्री प्रजापति के विरुद्ध उनकी ओर से दर्ज करायी गयी प्राथमिकी से नाराज हुए हैं।
दरअसल केवल एक दिन पहले इसी गुरुवार को अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने गायत्री प्रजापति और राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा जरीना उस्मानी पर बलात्कार के झूठे केस में फँसाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
अमिताभ ठाकुर का कहना है कि उनके मोबाइल पर मुलायम सिंह का फोन कल शुक्रवार को शाम करीब 4.23 बजे आया था। देश मंथन ने उनसे पूछा कि क्या वे मुलायम सिंह की आवाज पहचानते हैं और उनसे पहले आपकी बातचीत होती रही है? उन्होंने बताया कि उनकी छह-सात साल पहले तक मुलायम सिंह से बातचीत होती रही थी। वे आश्वस्त हैं कि फोन पर वास्तव में मुलायम सिंह ही बात कर रहे थे और इसीलिए उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाने में शिकायत की है।
हालाँकि रिकॉर्डिंग सुनने पर आवाज और शैली मुलायम सिंह से मेल खाती है, मगर समाजवादी पार्टी की ओर से इस मामले में कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। इसलिए यह पुष्टि होनी बाकी है कि फोन रिकॉर्डिंग में आवाज मुलायम सिंह की ही है या नहीं। कुछ सपा नेताओं ने ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं सुनने की बात कहते हुए यह कहा है कि मुलायम सिंह किसी को धमकी नहीं दे सकते।
मुलायम सिंह से अमिताभ ठाकुर की यह बातचीत शब्दशः –
अमिताभ – हैलो।
अधिकारी – अमिताभ ठाकुर साहब बोल रहे हैं?
अमिताभ – बोल रहा हूँ।
अधिकारी – सर नमस्कार, माननीय नेताजी बात करना चाह रहे हैं आपसे।
अमिताभ – कौन नेता जी?
अधिकारी – माननीय मुलायम सिंह नेताजी।
अमिताभ – अच्छा अच्छा।
((कॉल रूटिंग की आवाज))
मुलायम सिंह – हैलो।
अमिताभ – जय हिन्द सर, अमिताभ बोल रहा हूँ सर।
मुलायम सिंह – अमिताभ ठाकुर।
अमिताभ – सर, सर, आदेश सर।
मुलायम सिंह – जसराना की दावत वाली बात भूल गए आप, वही करना पड़ेगा आपका?
अमिताभ – सर आदेश करें सर।
मुलायम सिंह – आदेश को मना क्यों कर रहे हो? जसराना में रामवीर के यहाँ जब दावत थी, तो भूल गये आप?
अमिताभ – सर मैं समझ नहीं पाया सर।
मुलायम सिंह – आप थे?
अमिताभ – जी सर मैं था तो सर वहाँ, जब आप मुख्यमंत्री थे सर।
मुलायम सिंह – वै। इतनी बदतमीजी थे आप तो!
अमिताभ – क्या हो गया सर?
मुलायम सिंह – सब बता रहे हैं। मैं जानता हूँ। मना क्यों कर रहे हैं? तुम बहुत बड़े भले, डॉक्टर साहब ने कहा पता है आपको, रामवीर की दावत में स्कूल में लेकर गये अंदर।
अमिताभ – सर समझ नहीं पा रहा हूँ।
मुलायम सिंह- वहाँ बचाया तुम्हें पिटने से, सब मारना चाहते थे। स्कूल में ले गये थे आपको।
अमिताभ – सर क्या आदेश है? समझ नहीं पा रहा हूँ।
मुलायम सिंह – उससे ज्यादा हो जायेगा आपका, बता दे रहा हूँ। तो अगर ठीक से रहो… हमें आपसे हमदर्दी रही… तुम्हारे घर… वहाँ पटना गये, तो घर वालों ने कहा कि मेरा लड़का है देखते रहना। साफ-साफ आप चुप रह जाते।
अमिताभ – सर क्या हुआ? समझ नहीं पा रहा हूँ सर।
मुलायम सिंह – समझ में नहीं आ रहा तुम बिना उसके खिलाफ करने लगते हो शुरू।
अमिताभ – किसके खिलाफ सर?
मुलायम सिंह – हम बता देंगे आपको। फोन रहने दो।
अमिताभ – हाँ सर?
मुलायम सिंह – अब आप सुधर जाइये, इत्ता ही कह दिया मैंने।
अमिताभ – अच्छा सर।
मुलायम सिंह – हाँ।
अमिताभ – राइट सर।
(देश मंथन, 11 जुलाई 2015)