योग का विरोध मुसलमानों को गुमराह करने के लिए

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
हम ईद की खुशियों और मोहर्रम के मातम में शरीक होकर मुस्लिम नहीं बन गए। हमारे मुसलमान भाई हमारी होली और दिवाली में शरीक हो कर हिन्दू नहीं बन गये। लेकिन देश के सियासतदान हमें पढ़ा रहे हैं कि अगर मुसलमान योग कर लेंगे, तो उनका धर्म भ्रष्ट हो जाएगा और इस्लाम खतरे में पड़ जाएगा।
योग करने पर हम नहीं, हमारा शरीर बोलता है

विनीत कुमार, मीडिया आलोचक:
योग, जिम, वॉक, डायटिंग। शरीर को बेहतर रखने के ये वो तरीके हैं, जिसे ईमानदारी से किए जाएँ तो अलग से छापा मार टीशर्ट पहन कर दुनिया को बताने की जरूरत नहीं पड़ती। लोग आपके शरीर को देखते ही पूछने लग जाते हैं- आप योग करते हो, आपने जिम ज्वाइन किया है, आप डाइट चार्ट फॉलो करते हो।?
उड़ता पंजाब : एक गंभीर विषय का सत्यानाश

संदीप त्रिपाठी :
अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित और अभिषेक चौबे द्वारा निर्देशित फिल्म उड़ता पंजाब पर मचे विवाद के बाद अवश्यंभावी था कि लोग यह फिल्म देखने जाते कि ऐसा क्या है जिस पर इतना विवाद है। उड़ता पंजाब देख लीजिये, फिर यही लगेगा कि इसे देखने के लिए ढाई घंटे खर्च करना वैसा ही है जैसे बर्फ देखने कोई गर्मियों में नैनीताल शहर या शिमला शहर चला जाये।
काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा खतरे में, सरकार नींद से कब जागेगी?

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
मैं काशी विश्वनाथ मंदिर से बमुश्किल पचास मीटर की दूरी पर रहता हूँ, लाहौरी टोला मोहल्ले में। मेरे पैतृक आवास के बाँयीं ओर पचास मीटर की दूरी पर स्थित है ललिता घाट उसके बाएँ है महा श्मशान मणिकर्णिका और दाएँ है मीर घाट और ये तीनों ही गंगा घाट विश्वनाथ मंदिर से जुड़े हुए हैं, जिनमें ललिता घाट से तो सीधा और निकटतम रास्ता है बाबा के स्वर्ण मंदिर तक पहुँचने का।
फ्रांस में श्रमिक आंदोलन क्यों गहराया

राजेश रपरिया:
फ्रांस में श्रमिक आंदोलन से वहाँ का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तेलशोधक कारखानों, परमाणु बिजलीघरों, बंदरगाहों और सड़क रेल परिवहन कर्मियों के श्रमिक इस आंदोलन में शामिल हुए थे।
किसके पड़ोस में

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
इश्तिहारी होर्डिंग्स बताती हैं कि फिल्म स्टार नीतू सिंह जी और ऋषि कपूर जी एनसीआर-नेशनल केपिटल रीजन की एक हाऊसिंग योजना में दिलचस्पी रखते हैं, आप चाहें, तो इनके पड़ोसी हो सकते हैं। इस एड से दूसरे आशय भी निकलते हैं।
अपने पुरुषार्थ से पाकिस्तान को सबक सिखा सकते हैं

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
मोदी के समूचे भाषण के दौरान अमेरिकी संसद में लगातार तालियाँ बजती रहीं। यद्यपि उनकी अंग्रेजी से मैं कभी इम्प्रेस नहीं होता, फिर भी मनमोहन की अंग्रेजी से इसे बेहतर मानता हूँ। मनमोहन तो हिंदी बोलते थे या अंग्रेजी-कभी लगता ही नहीं था कि उनकी तबीयत ठीक-ठाक है।
सोशल मीडिया के माध्यम से जनता देगी नया आयाम

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
तीस मई को बीत गया पत्रकारिता दिवस। सुबह अखबारों में देख रहा था वरिष्ठ पत्रकार भाई पुण्य प्रसून वाजपेयी का बीएचयू में सिद्धांत झाड़ने वाला व्याख्यान तो वाराणसी पत्रकार संघ और काशी विद्यापीठ में आयोजित संगोष्ठियों के समाचारों में एक समानता यह नजर आयी कि वक्ताओं नें लंबी चौड़ी बातें की और जताने की कोशिश की कि पत्रकारिता परवान चढ़ी है। परंतु किसी ने भी यह जमीनी सच कहने की हिम्मत नहीं की कि मुख्य धारा की पत्रकारिता राह से भटक चुकी है।
जय-वीरु का ये कैसा वनवास…!!

तारकेश कुमार ओझा :
सत्तर के दशक की सुपरहिट फिल्म शोले आज भी यदि किसी चैनल पर दिखायी जाती है तो इसके प्रति दर्शकों का रुझान देख मुझे बड़ी हैरत होती है। क्योंकि उस समय के गवाह रहे लोगों का इस फिल्म की ओर झुकाव तो समझ में आता है लेकिन नयी पीढ़ी का भी इस फिल्म को चाव से देखना जरूर कुछ सवाल खड़े करता है।
कपिल को गावस्कर ने बाहर किया था, सेलेक्टर्स ने नहीं

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
टाइम्स आफ इंडिया में प्रकाशित समाचार में सुनील गावस्कर के हवाले से जो यह कहा गया कि 1984 की क्रिकेट सिरीज के दौरान कोलकाता टेस्ट के लिए कपिल को टीम से बाहर करने का फैसला चयनकर्ताओं का था जिन्होंने आफ स्पिनर पैंट पोकाक की गेंद पर घटिया स्ट्रोक खेलने के आरोप में उसको दंडित किया था। सनी इस मामले में सच नहीं बोल रहे हैं। सच तो यह है कि कपिल को निजी खुन्नस में बाहर किया गया था और इसी के साथ बिना किसी चोट के लगातार सौ टेस्ट खेलने का इस हरफनमौला का अद्भुत रेकार्ड 66 पर ही अटक कर रह गया।
दागियों पर बनी फिल्म फ्लाप हो जाए

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
13 मई को रिलीज होने जा रही फिल्म अजहर के प्रमोशन के दौरान एक टीवी चैनल से पूर्व भारतीय कप्तान और कांग्रेसी सांसद रह चुके 'दागी' अजहर का वाक आउट कोई चौंकाने वाली घटना नहीं थी बल्कि यह तो होना ही था।
सब को अपनी जिन्दगी जीने का हक मिले

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
आज पोस्ट नहीं लिखूंगा। आज आपसे बातें करूंगा।