जिसकी लाठी उसकी भैंस

संजय कुमार सिंह, संस्थापक, अनुवाद कम्युनिकेशन
मुझे लगता है 'मेक इन इंडिया' के लिए बाल मजदूरी जरूरी है।
पीएम, प्रेसिडेंट की जगह महापुरुषों तस्वीर क्यों नहीं?

श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी पैसे से मन्त्रियों और नेताओं की मार्केटिंग पर रोक लगा दी है।
सबके पाप का घड़ा भरता है

राणा यशवंत, प्रबंध संपादक, इंडिया न्यूज :
सुबह आमतौर पर घर से फोन पर मीटिन्ग करता हूँ। मीटिन्ग के दौरान ही न्यूजरुम में शोर शराबा-सा लगा। पूछा क्या हुआ। पता चला महेंद्र चावला को कुछ लोगों ने पानीपत में गोली मार दी।
महेंद्र चावला आसाराम औऱ उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ चल रहे बलात्कार के मुकदमें में गवाह हैं।
पर्सनल्टी डेवलपमेंट सीरिज : महानता और सफलता

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
गुरुघन्टाल अकादमी के दो छात्रों ने इस प्रश्न पर विवाद छिड़ गया कि सफलता महानता के गुणों का पालन करने पर आती है या महानता सफलता आने पर खुद -ब-खुद आ जाती है।
किताबी नाम के छात्र ने कहा-शास्त्रों में वर्णित गुणों को खुद में ढाल ले बन्दा, तो सफलता खुद चलकर आती है।
देश में काला धन : हवाला की जड़ में क्रिकेट सट्टा

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में कहा समय आ गया है अब कि देश में काला धन और हवाला पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को क्रिकेट सट्टेबाजी को अन्य देशों की तरह वैध कर देना चाहिए। जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गयी है उसमें साफ कहा गया है कि क्रिकेट सट्टेबाजी का पैसा हवाला के माध्यम से इधर से उधर पहुँचाया जाता है।
एक अनुमान के मुताबिक देश में क्रिकेट पर एक साल में सगभग तीन लाख करोड़ दाँव पर लगते हैं और यह समानांतर अर्थ व्यवस्था दिनों-दिन विकराल होती जा रही है।
मोदी सरकार : साल भर चले अढ़ाई कोस

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
भारतीय जनता पार्टी को पहली बार केन्द्र में बहुमत दिलाकर सत्ता में आई नरेन्द्र मोदी की सरकार के एक साल पूर्ण होने पर जो स्वाभाविक उत्साह और जोशीला वातावरण दिखना चाहिए वह सिरे से गायब है।
इस ‘ड्रमेटिक्स’ से आगे देखिए!

कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार
देश में बहुत कुछ हो रहा है। मोदी सरकार के एक साल पूरे होने वाले हैं। बड़ी तीखी बहस हो रही है इस पर।
सोशल मीडिया @ सलमान खान

सुशांत झा, पत्रकार :
सलमान प्रकरण में सबसे अच्छी बात ये हुई है कि पब्लिक की निष्पक्ष और त्वरित न्याय पाने की व्यग्रता अपने विराट रूप में प्रकट हुई है।
कौन हैं जो मोदी को विफल करना चाहते हैं?

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
क्या सच में नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार का जादू टूट रहा है? अगर टूट रहा है तो वो कौन है, जिसका जादू सिर चढ़कर बोल रहा है? वे कौन लोग हैं जो पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई देश की पहली राष्ट्रवादी सरकार को मार्ग से भटकाना चाहते हैं? जाहिर तौर पर सवाल कई हैं पर उनके उत्तर नदारद हैं।
ट्रांसफार्मर, प्लीज कम सून

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
क्षमा करें इन दिनों चिन्तन सिर्फ ट्रांसफार्मर पर हो पा रहा है। और किसी भी तरह के चिन्तन के लिए मोहल्ले के ट्रांसफार्मर को ठीक-ठाक कार्यरत रहना जरूरी है, जिससे आपके घर की बिजली सप्लाई होती हो।
हमने बनाया नायक को खलनायक!!

अजय अनुराग :
सलमान खान को सजा की खबर ने उनके सभी फैंस को दुःखी कर दिया। पहले संजय और अब सलमान।
उलटे चाँद के देश में!

कमर वहीद नकवी , वरिष्ठ पत्रकार :
जिस देश में चाँद उलटा निकल सकता है, हम उस देश के वासी हैं! बात अफवाह की नहीं है, जो अभी आये भूकम्प के बाद फैली और तेजी से फैली, लेकिन उतनी ही तेजी से खारिज भी हो गयी। बात अफ़वाह के बहुत आगे की है! और बात मामूली नहीं, बहुत गहरी है।