सम-विषम नियम के पीछे प्रदूषण पर रोक की नीयत नहीं

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संदीप त्रिपाठी :

दिल्ली के प्रदूषण पर आईआईटी, कानपुर की रिपोर्ट

-वायु प्रदूषण में 60% हिस्सेदारी बिजली संयंत्रों, खाना बनाने और अन्य कारणों की है

-40% हिस्सेदारी वाहनों से निकलने वाले धुएँ की है

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वाहनों से निकले धुएँ से प्रदूषण में विभिन्न वाहनों की हिस्सेदारी

-46% हिस्सेदारी ट्रकों की

-33% हिस्सेदारी दोपहिया वाहनों की

-10% हिस्सेदारी चारपहिया वाहनों की (सरकारी और निजी मिला कर)

-5% हिस्सेदारी बसों की

-4% हिस्सेदारी हल्के वाणिज्यिक वाहनों की

-1% तिपहिया और अन्य वाहनों की

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दिल्ली सरकार का ऑड-इवेन फॉर्मूला

केवल निजी चारपहिया वाहनों पर माह में 13 दिन रोक (4 रविवारों को छूट)

केवल 40% के 10% प्रदूषण के लिए उपाय

इस 10% में आधे वाहन रोज चलेंगे, यानी केवल 5% प्रदूषण पर रोक

इन आधे वाहनों में आधे सरकारी होंगे और नंबर के हिसाब से नये खरीदे चारपहिया वाहन होंगे

यानी 40% के 2.5% प्रदूषण पर रोक

यानी कुल 100% प्रदूषण के 1% पर रोक के लिए है दिल्ली सरकार का ऑड-इवेन फॉर्मूला

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अगर मोटरसाइकिलों पर रोक लगे तो क्या होगा

वायु प्रदूषण के 40% के 33% पर रोक लगेगी

यानी वायु प्रदूषण के 13.2% पर रोक लगेगी

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फिर दिल्ली की आप सरकार ने मोटरसाइकिल की बजाय निजी कारों पर रोक का फैसला क्यों किया?

(देश मंथन, 11  दिसंबर 2015)

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