वेनिस जैसा फील

0
166

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार  :

एक मित्र वेनिस होकर आयी थीं, फोटू दिखा रही थीं-पूरा शहर पानी में ही बसा हुआ है।

मैंने डपटा-आप लाखों खर्च करके सिर्फ यही तजुरबा करने गयी थीं कि पूरा शहर पानी में बसा हुआ है। ये तजुरबा तो इन दिनों दिल्ली समेत उत्तर भारत के हर शहर में किया जा सकता है कि पूरा शहर पानी में ही बसा हुआ है। भरी नालियों के शहर दिल्ली ने वेनिस को पीट दिया है। उत्तर भारत के शहरों को वीनस वाला फील मुफ्त में उपलब्ध है।

पहले मेरी निगेटिव थिंकिंग थी, हमेशा किलसता रहता था कि मंगल यान को अंतरिक्ष में भेजने की तकनीक हमको आ गयी, पर यह तकनीक अभी हासिल ना हो पायी कि सफाई कर्मचारियों को रोज नाली-सड़क सफाई के काम पर भेज पायें। पर अब थिंकिंग पाजिटिव हो गयी है।

एक नेता को मैंने कहा कि घरों के सामने भरे बारिश के पानी का क्रेडिट आप ले उड़िये-इसे वेनिस आपके द्वार योजना का नाम दे दीजिये। पब्लिक को बताइये कि तमाम कोशिशों के बाद आपको वेनिस का तजुरबा उपलब्ध करा दिया गया है।

कई जगह झरने चल निकले हैं

इन झरनों का क्रेडिट लिया जाना बनता है। इसे लघु झरना स्कीम घोषित किया जाये कि नियाग्रा झरना या केरल के झरने देखना महँगा पड़ता है, तो जनता के भले के लिए हर मुहल्ले में लघु झरनों का इंतजाम कर दिया गया है। पीने का साफ पानी का इंतजाम भले ही करवा पाये हों, पर देखिये झरने कैसे झरझरा रहे हैं, हम ही लाये इन झरनों को।

शहरी गरीब वाटर पार्क योजना के तहत नेतागण क्रेडिट ले सकते हैं, उन तालाबों का जो सहज-स्फूर्त तौर पर आधे घंटे की बारिश में बन जाते हैं। दिल्ली के मिंटो ब्रिज के नीचे जो वाटर पार्क कई बार बनता है, उसके बारे में ऐतिहासिक साक्ष्य बताते हैं कि वह आदम-हव्वा के जन्म से पहले का वाटर पार्क है। इससे हमें यह भी पता चलता है कमोबेश जैसे नेता आज हैं, वैसे ही बरसों-बरस पहले भी थे।

अमेरिका के कई मित्र पूछते हैं-एडवेंचरस टूरिज्म की संभावनाएं भारत में कितनी हैं।

उन्हे बताया जाये कि बारिश में दिल्ली समेत कई भारतीय शहर एडवेंचरस टूरिज्म स्पाट के अलावा कुछ ना होते।

(देश मंथन 26 जुलाई 2016)

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें