राजीव रंजन झा :
कल शाम रीवा के भँवर सिंह से बात होने लगी। उन्होंने जो सबसे महत्वपूर्ण और दिलचस्प बात बतायी, वह इस टिप्पणी के अंत में है। वे यहाँ दिल्ली में चौकीदार का काम करते हैं। मैंने पूछा, वोट देने गये थे?
– हाँ।
– किसको दिया?
– कांग्रेस को।
कांग्रेस क्यों पसंद, भाजपा क्यों नापसंद हुई, यह पूछा तो बोले – भाजपा वालों ने कानून बना दिया कि एससी एसटी झूठा आरोप भी लगा देगा तो तुरंत जेल हो जायेगी।
(कानून संसद में सर्वसम्मति से पारित हुआ। माँग सबने की। कानून बनने से पहले दलितों के भारत बंद का समर्थन तमाम भाजपा विरोधी दलों ने किया। लेकिन कानून बनाने का ठीकरा भाजपा पर।)
भँवर सिंह से पूछा – वह कानून तो 30 साल पहले से चला आ रहा था। (जिस पर सर्वोच्च अदालत ने फैसला सुनाया था।) नहीं मालूम?
वे बोले, नहीं जी, ऐसा नहीं था। अभी भाजपा ने बनवाया। वे तो हमारी जमीन भी छीनने वाले थे।
– अच्छा, वो कैसे?
– वे हमारी जमीन छीन कर हरिजनों को देने का कानून बनाने वाले थे।
यह तो रहस्योद्घाटन था मेरे लिए! पूरे चुनाव प्रचार में कहीं भी ऐसा कोई मुद्दा नहीं बना था। मगर कांग्रेस ने गाँव-गाँव में क्या-क्या अफवाहें फैला दीं! भाजपा जाने कहाँ सोती रही कि उसे इन अफवाहों का पता भी नहीं चला।
सुना है भाजपा का आईटी सेल बड़ा मजबूत है। और कम्युनिस्ट-कांग्रेसी बताते हैं कि संघी अफवाहें फैलाने में बड़े उस्ताद होते हैं!
(देश मंथन, 26 दिसंबर 2018)