देश मंथन डेस्क :
इस रविवार 3 जनवरी को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में विरोध रैली के नाम पर बड़ी संख्या में जमा हुए लोगों की हिंसक वारदातों पर ज्यादातर बुद्धिजीवियों ने चुप्पी साध रखी है, मगर प्रख्यात साहित्यकार असगर वजाहत और वरिष्ठ पत्रकार कमर वहीद नकवी ने मुखर तरीके से सख्त टिप्पणियाँ की हैं।
जामिला मिलिया इस्लामिया के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष असगर वजाहत ने फेसबुक पर अपनी टिप्पणी में लिखा है, “पश्चिम बंगाल में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसात्मक कार्यवाही करने की मैं कड़ी निंदा करता हूँ। प्रदर्शन करने का अधिकार संविधान देता है लेकिन हिंसा करना और आग लगाना एक अपराध है। यह नहीं किया जाना चाहिए। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत एक लोकतंत्र है जिसका अपना दंड विधान है। जब भारत में कोई अपराध करता है तो उसे भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सजा दी जाती है। उसे किसी भी धार्मिक दंड संहिता के अंतर्गत सजा नहीं दी जा सकती।”
आजतक और इंडिया टीवी जैसे प्रमुख समाचार चैनलों की कमान सँभाल चुके वरिष्ठ पत्रकार कमर वहीद नकवी ने भी इस घटना पर बेहद तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा है, “मुसलमान इस कठमुल्ला जहालत से कब उबरेंगे? जो कुछ मालदा में किया गया, वह बेहद शर्मनाक और निन्दनीय है। दुनिया बदल गयी है। जमाना बदल गया है। मुसलमान अभी तक कूपमंडूक बना हुआ है। हद है!”
क्या है मालदा की घटना
पश्चिम बंगाल के मालदा में कालियाचक नामक स्थान पर रविवार को हजारों-हजार (यह संख्या अलग-अलग जगह डेढ़ लाख से ढाई लाख बतायी जा रही है) मुस्लिम उत्तर प्रदेश सपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री आजम खाँ के जवाब में एक हिंदू नेता कमलेश तिवारी के दिये बयान पर विरोध जताने और तिवारी को फाँसी की माँग करने के लिए जमा हुए थे और मार्च भी निकाला। रास्ते में इस भीड़ ने यात्रियों से भरी बस और पुलिस थाने पर हमला कर दिया। यात्री और पुलिस वाले तो भाग गये लेकिन इस भीड़ ने बस और थाने में खड़ी बीएसएफ की जीप समेत करीब 25 वाहनों को आग लगा दी। इस घटना के बाद वहाँ धारा 144 लगा दी गयी और रैपिड एक्शन फोर्स बुला ली गयी। इस सिलसिले में मंगलवार को 10 लोग गिरफ्तार हुए तो चौरंगी इलाके में हिंसा भड़क उठी। हिंसा में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी से क्रुद्ध भीड़ ने पुलिस पर बम औ गोलियाँ चलायीं और पथराव किया। कई दुकानें क्षतिग्रस्त कीं। उत्पातियों को उकसाने के आरोप में स्थानीय माकपा नेत्री शेफाली खातून को हिरासत में लिया गया।
(देश मंथन, 06 जनवरी 2016)