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वसुंधरा राजे को भाजपा कितना आगे रखेगी चुनाव में? ... See MoreSee Less
कांग्रेस वाले पहले नहीं सोचते कि जो बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं, उसका पैसा कहाँ से लायेंगे।
सीधा फॉर्मूला है कि अगर जनता झाँसे में आ गयी (जैसे कि कर्नाटक में), तो फिर किसी बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) को करोड़ों रुपये की फीस दे कर काम पर लगायेंगे, जो छह महीने में रिपोर्ट दे कर बतायेगी कि पैसा कहाँ से आ सकता है (या नहीं आ सकता है)। बीसीजी भी क्या सलाह देगी - या तो कोई टैक्स लगाने-बढ़ाने को कहेगी जिसका बोझ जनता पर ही होगा, या कहीं कोई खर्च काटने को कहेगी, जो हो नहीं पायेगा।
वैसे कुछ दलों का एक दूसरा फॉर्मूला भी रहता है - केंद्र सरकार पैसे नहीं दे रही है। वादे आप करें, पैसा मोदी दे!
एक और तरीका हो सकता है - अगर जनता झाँसे में आ कर वोट दे दे, चुनाव जिता दे, तो फिर आगे वही बताये भी कि पैसा कहाँ से आयेगा। जनता से ही पूछ लें, सर्वे करा लें... ... See MoreSee Less