Tag: अर्थव्यवस्था
कोरोना महामारी : अंत भला तो सब भला
सुंदर अय्यर :
कोई भी कठिन समय बहुत कष्ट देता है, लेकिन जाते-जाते कुछ सिखा भी जाता है हमें। कोरोना भी कुछ ऐसा ही कर जायेगा। हालाँकि अभी यह गया नहीं है। जानकारों की मानें तो यह अभी और दर्द देकर जायेगा। जायेगा तो है ही, आज नहीं तो कल। लॉकडाउन ही सबसे आसान तरीका है इस घड़ी से निपटने का। हो सकता है इस लॉकडाउन से ऊब भी होने लगी हो।
राजनीति भूल गये मोदी जी!
राजीव रंजन झा :
इतना भी काम मत कीजिए मोदी जी। काम में उलझ कर राजनीति भूल गये हैं नरेंद्र मोदी।
जी हाँ। गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए नरेंद्र मोदी ने काम भी जम कर किया, और राजनीति भी जम कर की। विरोधियों के फेंके पत्थरों को चुन-चुन कर अपना राजनीतिक महल बनाते रहे। मगर दिल्ली आ कर शायद यह कला भूल गये मोदी।
सरकार की (दोगली) आत्मा
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
नितीश कुमार का चुनावी वादा था - बिहार में शराब बंद की जायेगी।
महँगाई कब तक? जब तक समोसे में आलू!
राजीव रंजन झा :
सुबह-सुबह एक मित्र बरस पड़े, खाक अच्छे दिन आये हैं! ठीक है कि आलू-प्याज सस्ते हो गये, लेकिन समोसा कब सस्ता होगा? गाड़ी में डालने का तेल ही नहीं, खाने का तेल भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में सस्ता हो चला है। फिर यहाँ समोसा सस्ता क्यों नहीं हुआ?