Tag: असदुद्दीन ओवैसी
क्यों याद आ रहे हैं आम्बेडकर?

क़मर वहीद नक़वी, पत्रकार :
इतिहास के संग्रहालय से झाड़-पोंछ कर जब अचानक किसी महानायक की नुमाइश लगायी जाने लगे, तो समझिए कि राजनीति किसी दिलचस्प मोड़ पर है! इधर आम्बेडकर अचानक उस संघ की आँखों के तारे बन गये हैं, जिसका वह पूरे जीवन भर मुखर विरोध करते रहे, उधर जवाब में 'जय भीम' के साथ 'लाल सलाम' का हमबोला होने लगा है, और तीसरी तरफ हैदराबाद से असदुद्दीन ओवैसी उस 'जय भीम', 'जय मीम' की संगत फिर से बिठाने की जुगत में लग गये हैं, जिसकी नाकाम कोशिश किसी जमाने में निजाम हैदराबाद और प्रखर दलित नेता बी। श्याम सुन्दर भी 'दलित-मुस्लिम यूनिटी मूवमेंट' के जरिए कर चुके थे।
मुसलिम हलचल के चार कोण!

कमर वहीद नकवी, वरिष्ठ पत्रकार :
अल्पसंख्यक राजनीति में नयी खदबदाहट शुरू हो गयी है! एक तरफ हैं संघ, बीजेपी और एनडीए सरकार, दूसरी तरफ है मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड, तीसरा कोण है मजलिस इत्तेहादुल मुसलिमीन के असदुद्दीन ओवैसी का और चौथा कोण है मुसलिम महिलाओं की एक संस्था भारतीय मुसलिम महिला आन्दोलन।