Tag: कहानी
अलग लोगों की होती हैं कहानियाँ
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
“माँ, आज कौन सी कहानी सुनाओगी?”
मन की खुशी
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मुझे ठीक से याद है कि गुलबवा की कहानी किसने सुनायी थी। इस सच्ची कहानी सुनाते हुए उसने बताया था कि हर आदमी में दो आदमी रहते हैं। एक बाहर का आदमी और दूसरा भीतर का आदमी। भीतर का आदमी मन है, बाहर का आदमी तन है।
समंदर की सैर
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
बहुत से लोग कभी बड़े नहीं होते। मैं भी उनमें से एक हूँ।
यादें – 13
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
अब यहीं से शुरू हो सकती है वो कहानी, जिसकी भूमिका बाँधते-बाँधते मैं यहाँ तक पहुँचा हूँ।
मोह उम्र में ज्ञान से बड़ा है
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
अब आज की पोस्ट पढ़ते हुए मुझे कोसने मत लगिएगा कि वो कहानी मैं कहाँ से लेकर आ गया हूँ, जिसे आप बचपन से सुनते चले आ रहे हैं। पर हर पुरानी कहानी का एक संदर्भ होता है। वजह होती है, पुरानी कहानी को नये मौके पर सुनाने की।
ये वक्त गुजर जाएगा
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
रोज सुबह जगना और फिर लिखना मेरे नियम में शुमार हो चुका है।
अपने कर्म के सिद्धान्त को अमल में लायें
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
माँ, कल आपने कहा था कि मैं बहुत सी कहानियाँ सुनाऊँगी।”
“हाँ-हाँ, क्यों नहीं। अपने राजा बेटा को नहीं सुनाऊँगी तो किसे सुनाऊँगी।
भाव महत्वपूर्ण हो तो ‘मरा’ भी ‘राम’ होगा
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
मैंने बात सिर्फ अच्छे और बुरे पैसे की थी। मैंने सिर्फ इतना ही कहने की कोशिश की थी कि जिस तरीके से मनुष्य धन अर्जित करता है, वो तरीका ही धन की गुणवत्ता तय करता है। मैं जानता हूँ कि ये एक लंबे विवाद का विषय है। विवाद से भी अधिक ज्ञान और अज्ञान का विषय है।
चिंता की चिंता छोड़िए और मस्त रहिए
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मेरी बुआ ने यह कहानी मुझे सुनायी थी। डेल कारनेगी ने पढ़ाई थी। माँ ने अमल करना सिखाया था। पत्नी इस पर अमल कराती है।
अब इतना लिख दिया तो वो कहानी फिर से आपको सुना ही दूँ, जिसे आप कम से कम एक हजार बार सुन चुके होंगे।
पौराणिक कहानियाँ जीवन की पाठशाला हैं
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
आदमी चाहे तो किसी एक कण से भी जिंदगी में बहुत कुछ सीख सकता है।
मैंने बचपन में सुनी और पढ़ी तमाम कहानियों में से हाथी और मछली की कहानी को जीवन के सार-तत्व की तरह लिया। हालाँकि वहाँ तक पहुँचने के लिए मुझे राजा यदु और अवधूत की मुलाकात की कहानी भी माँ ने ही सुनायी थी।