Tag: काला धन
राजनीतिक दलों को पुरानी छूट पर नया बवाल
राजीव रंजन झा :
अचानक एक खबर आयी और नोटबंदी का विरोध करने वाले चेहरे मानो जीत के एहसास से खिल उठे - देखो, हम कहते थे ना कि काला धन रखने वाले नेताओं का कुछ नहीं बिगड़ेगा।
तेरा धन, न मेरा धन!
कमर वहीद नकवी, पत्रकार :
सरकार को उम्मीद है कि अगले डेढ़-दो वर्षों में वह बिना नकदी की अर्थव्यवस्था के अपने अभियान को एक ऐसे मुकाम तक पहुँचा देगी, जहाँ से वोटरों को, खास कर युवाओं को देश के 'आर्थिक कायाकल्प' की एक लुभावनी तस्वीर दिखायी जा सके।
आतंकवाद की आड़ लेकर नोटबंदी का विरोध
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
जिस देश ने 70 साल धैर्य रखा, उसी देश में कुछ लोग 17 दिन में ही अधीर हुए जा रहे हैं। नोटबंदी के आलोचक तरह-तरह की दलीलों के साथ सरकार पर हमले कर रहे हैं। एक दलील यह भी है कि इससे आतंकवाद पर लगाम नहीं लगेगी, बल्कि उल्टे आतंकवाद और बढ़ेगा।
‘काली खेती’ का गोरखधन्धा!
क़मर वहीद नक़वी, पत्रकार :
अगर यह बात सच हो तो शायद यह UPA सरकार के दिनों का सबसे बड़ा घोटाला होगा! 'काली खेती' का घोटाला! लाखों अरब रुपये का घोटाला होगा यह। इतना बड़ा कि आप कल्पना तक न कर सकें! गिनतियों में उलझ कर दिमाग घनचक्कर हो जाये! छह सालों में यह छब्बीस करोड़ करोड़ रुपये का गड़बड़झाला है।
राजनीति भूल गये मोदी जी!
राजीव रंजन झा :
इतना भी काम मत कीजिए मोदी जी। काम में उलझ कर राजनीति भूल गये हैं नरेंद्र मोदी।
जी हाँ। गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए नरेंद्र मोदी ने काम भी जम कर किया, और राजनीति भी जम कर की। विरोधियों के फेंके पत्थरों को चुन-चुन कर अपना राजनीतिक महल बनाते रहे। मगर दिल्ली आ कर शायद यह कला भूल गये मोदी।
मोदी जी, भाषण के आगे क्या है?
कमर वहीद नकवी, वरिष्ठ पत्रकार:
तो मोदी जी फिर तैयार हो रहे हैं। नहीं, नहीं, विदेश यात्रा के लिए नहीं! लाल किले से अपने दूसरे भाषण के लिए! क्या बोलना है, क्या कहना है? तैयारी हो रही है।
देश में काला धन : हवाला की जड़ में क्रिकेट सट्टा
पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में कहा समय आ गया है अब कि देश में काला धन और हवाला पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को क्रिकेट सट्टेबाजी को अन्य देशों की तरह वैध कर देना चाहिए। जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गयी है उसमें साफ कहा गया है कि क्रिकेट सट्टेबाजी का पैसा हवाला के माध्यम से इधर से उधर पहुँचाया जाता है।
एक अनुमान के मुताबिक देश में क्रिकेट पर एक साल में सगभग तीन लाख करोड़ दाँव पर लगते हैं और यह समानांतर अर्थ व्यवस्था दिनों-दिन विकराल होती जा रही है।
न ड्रीम, न क्रीम बजट, बस बिजनेस थीम बजट!
कमर वहीद नकवी :
न ड्रीम बजट, न क्रीम बजट, यह ‘ईज आफ डूइंग बिजनेस’ का थीम बजट है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कम से कम दस बार ‘ईज आफ डूइंग बिजनेस’ की बात कही और बजट भाषण के ठीक बाद अपने इंटरव्यू में जेटली ने कहा कि जब हम उद्योगों से कमाई करेंगे, तभी तो गरीब की मदद हो पायेगी।
काले धन का टेंटुआ कोई क्यों पकड़े?
क़मर वहीद नक़वी, वरिष्ठ पत्रकार :
सुना है, सरकार काला धन ढूँढ रही है। उम्मीद रखिए! एक न एक दिन काला धन आ कर रहेगा! अगर कहीं मिल जायेगा, तो जरूर आ जायेगा! न मिला तो सरकार क्या कर सकती है?
गले पड़ गया 100 दिनों का वादा
राजीव रंजन झा :
एनडीए सरकार के लिए 100 दिनों में विदेशों से काला धन वापस लाने का वादा उसी तरह गले पड़ गया है, जैसे यूपीए सरकार के लिए 100 दिनों में महँगाई घटाने का वादा गले पड़ गया था। अब 100 दिनों के बदले 150 से ज्यादा दिन गुजर चुके हैं और लोग पूछ रहे हैं कि सरकार बतायें, विदेशों से वापस लाया हुआ काला धन कहाँ है?