Tag: जिम्मेदारी
जेएनयू देशद्रोह कांड : सर्जिकल ऑपरेशन की जरूरत
राकेश उपाध्याय, पत्रकार :
जेएनयू देशद्रोह कांड में कन्हैया को दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत तो दे दी, लेकिन जो नसीहतें फैसले में सुनायी हैं, वो बहुत महत्वपूर्ण हैं। जेएनयू के वामपंथी मित्रों को इन नसीहतों पर गौर करना चाहिए जिन पर अदालत ने कन्हैया से शपथपत्र माँग लिया है...एक बार आप भी देखें और समझें कि अदालत ने 23 पन्नो के फैसले में कहा क्या है-
रिश्तों के साथ जीना
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
दीदी की शादी थी। एक रात पहले घर के सामने सड़क पर टेंट लगाया जा रहा था। कुर्सियाँ बिछायी जा रही थीं। हल्की-हल्की सर्दी थी। पिताजी, चाचा, मामा, मौसा, फूफा, ताऊ जी सब वहीं डटे थे। किसी को कोई जिम्मेदारी नहीं दी गयी थी, सब के सब अपनी जिम्मेदारी समझ रहे थे।
बालकनी में बैंगन
विनीत कुमार, मीडिया आलोचक:
लंबे इन्तजार और रूटीन से पानी देते रहने के बावजूद गमले में लगाये बैंगन के पौधे पर जब फूल आने पर भी एक भी बैंगन नहीं आया तो मैं हार गया..फिर तो पानी देने का भी मन न होता.. वैसे भी मेरे घर में सप्लाई, टंकी, पाइप को लेकर पता नहीं कौन सा राज रोग है कि पानी की किल्लत बनी रहती है, लेकिन
रिश्तों को बचाने की जिम्मेदारी हमारी
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
बहुत साल पहले गाँव के मुकुंद चाचा की शादी में गया था। पूरा गाँव नाच रहा था। पूरा गाँव क्या, मैं भी नाच रहा था।
पूरा गाँव सज-धज कर बाराती बन कर उस गाँव से दूसरे गाँव गया था। दूसरे गाँव वालों ने बारातियों का स्वागत नमकीन भुजिया और नींबू के शर्बत से किया था।
भाजपा-पीडीपी के सामने हालात को बदलने की चुनौती
संजय द्विवेदी, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय :
कश्मीरः इतिहास में अटकी सूईयाँ
कश्मीर में भाजपा ने जिस तरह लंबे विमर्श के बाद पीडीपी के साथ गठबंधन की सरकार बनाई, उसकी आलोचना के लिए तमाम तर्क गढ़े जा सकते हैं। किसी भी अन्य राजनीतिक दल ने ऐसा किया होता तो उसकी आलोचना या निंदा का सवाल ही नहीं उठता, किंतु भाजपा ने ऐसा किया तो महापाप हो गया।