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उपचुनावों के नतीजों से गुमान टूटेगा भाजपा का

राजीव रंजन झा :
शायद ही किसी ने सोचा होगा कि लोकसभा चुनावों में तूफानी कामयाबी के बाद इन उपचुनावों में भाजपा इतना कमजोर प्रदर्शन करेगी।
भाजपा के बड़े मुद्दे हैं सुशासन और विकास

नरेंद्र तनेजा, संयोजक (ऊर्जा प्रकोष्ठ), भाजपा :
यह चुनाव सिर्फ सुशासन और विकास के मुद्दों पर लड़ा जा रहा है, इसलिए सत्ता में आने पर भाजपा को बेहतर प्रदर्शन करके दिखाना होगा।
राहुल-सोनिया को बीजेपी की चुनौती

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
तो आखिरकार बीजेपी ने अमेठी और रायबरेली से अपने उम्मीदवारों के नामों का ऎलान कर ही दिया।
मोदी या केजरी, किसे पारस साबित करेगा बनारस?

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
खाक भी जिस जमी की पारस है, शहर मशहूर यह बनारस है। तो क्या बनारस पहली बार उस राजीनिति को नया जीवन देगा जिस पर से लोकतंत्र के सरमायेदारों का भी भरोसा डिगने लगा है।
तारे जमीं पर

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
हर चुनाव की तरह इस बार भी राजनीतिक पार्टियों ने फिल्मी सितारों और बड़े क्रिकेट खिलाड़ियों को चुनाव मैदान में उतारा है।
राजनाथ की तस्वीर से बढ़ी अटकलबाजी

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के ट्विटर हैंडल से ट्वीट की गयी दो तस्वीरों ने आज राजनीतिक अटकलबाजियों को बढ़ा दिया।
अमित शाह की अग्निपरीक्षा

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
बात तब की है जब नितिन गडकरी बीजेपी अध्यक्ष थे और उनका फिर अध्यक्ष बनना करीब-करीब तय था।
कहाँ गये हनुमान?

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
जसवंत सिंह और हरिन पाठक दोनों में एक समानता है। दोनों हनुमान कहे जाते हैं। जसवंत सिंह अटल बिहारी वाजपेयी के हनुमान तो हरिन पाठक लाल कृष्ण आडवाणी के हनुमान।
बीजेपी के सागर में बनता टापू

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
आखिरकार आडवाणी मान गये। मानना ही था। कोई रूठता भी इसीलिए है ताकि उसे मनाया जाये और तभी वो माने।
आडवाणी: अथक रथी से अथक हठी तक

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
बीजेपी के सबसे बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी एक बार फिर रूठे हैं।