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नल्लामल्ला पर्वत पर विराजते हैं मल्लिकार्जुन स्वामी (02)
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
देवों के देव महादेव। उनके मंदिर बने हैं देश के हर हिस्से में। अगर 12 ज्योतिर्लिंगों की बात करें तो इनमें से दक्षिण भारत में हैं। पहला रामेश्वरम और दूसरा श्रीशैलम में। शिव के बारह ज्योतिर्लिंग में दूसरे स्थान पर आते है श्रीशैलम के मल्लिकार्जन स्वामी। इसे दक्षिण में दिव्य क्षेत्रम माना जाता है। यहाँ पहुँच कर अद्भुत शांति और आनंद की अनुभूति होती है।
श्रीमल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर – श्रीशैलम की ओर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
महादेव शिव का दूसरा ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के करनूल जिले में है। श्री मल्लिकार्जुन स्वामी का मंदिर श्रीशैलम में स्थित है। पर यहाँ पहुँचने का रास्ता भी अत्यंत मनोरम है। आप चाहे किसी भी रास्ते से जाएँ श्रीशैलम पहुँचने के लिए आपको 100 किलोमीटर घने जंगलों से होकर गुजरना होगा। इस मार्ग पर रात में चलना निषेधित है। इसलिए ये सफर दिन में ही करना पड़ता है।
चेन्नई का कपालेश्वर मंदिर – यहाँ पार्वती ने किया था तप
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
चेन्नई शहर में सबसे पुराना और प्रसिद्ध मंदिर है कपालेश्वर मंदिर। ये महादेव शिव का मंदिर है। साल का कोई भी दिन हो यहाँ हमेशा श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। कपालेश्वर मंदिर चेन्नई के मैलापुर इलाके में स्थित है। मंदिर के सामने एक विशाल सरोवर है। आसपास में घना बाजार है।
इरूंबाई के महाकालेश्वर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
पुडुचेरी के पास इरुंबाई गाँव में शांत वातावरण में महादेव शिव का अदभुत मंदिर है। इसे तमिल लोग महाकालेश्वर के नाम से जानते हैं। इस शिव मंदिर को 2,000 साल से ज्यादा पुराना माना जाता है। मंदिर की कथा कई तमिल कविओं और संतों से जुड़ी हुई है।