Tag: राजीव रंजन झा
डोनाल्ड ट्रंप लालायित हैं भारतीयों के समर्थन के लिए
राजीव रंजन झा :
नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच दोस्ती तस्वीरों के लिए अच्छी है। मोदी और बराक ओबामा की दोस्ती भी तस्वीरों के लिए बहुत अच्छी थी। और तस्वीरें तो मोदी के साथ शी जिनपिंग की भी बहुत अच्छी थीं।
कांग्रेस मुख-पत्र ने तो हद कर दी, सीधी अवमानना सर्वोच्च न्यायालय की
राजीव रंजन झा :
श्रीराम जन्मभूमि विवाद पर इस देश में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पहले वैसे तो सबने कसमें खायीं कि जो भी अदालत का फैसला होगा, उसे ही मानेंगे। लेकिन फैसला सामने आने के कुछ लोगों ने इसमें मीन-मेख निकालना भी शुरू कर दिया है।
क्या नेहरू ने चीन की मदद की सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने में?
राजीव रंजन झा :
वित्त मंत्री अरुण जेटली के एक बयान से यह विवाद खड़ा हो गया है कि क्या चीन को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता दिलवाने में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मदद की थी?
आपको नहीं पता होगा मध्य प्रदेश में भाजपा की हार का यह कारण
राजीव रंजन झा :
कल शाम रीवा के भँवर सिंह से बात होने लगी। उन्होंने जो सबसे महत्वपूर्ण और दिलचस्प बात बतायी, वह इस टिप्पणी के अंत में है। वे यहाँ दिल्ली में चौकीदार का काम करते हैं। मैंने पूछा, वोट देने गये थे?
चीन से दोस्ती नहीं, पर सहयोग संभव : जी. पार्थसारथी
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिनों की चीन यात्रा ने एक तरफ जहाँ कूटनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी तो दूसरी ओर विपक्ष ने इस यात्रा को लेकर सवाल उठाये कि इससे हासिल क्या हुआ है? इस यात्रा के मायने क्या हैं और उससे भारत-चीन संबंधों की गाड़ी किस दिशा में बढ़ी है, यह समझने के लिए देश मंथन की ओर से राजीव रंजन झा ने बातचीत की भारत के पूर्व राजदूत जी. पार्थसारथी से।
बस एक यह काम न करते जनरल रावत
राजीव रंजन झा :
सेना प्रमुख अवैध घुसपैठ की बात करें और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से उसका विश्लेषण करें, यह बिल्कुल उचित है। लेकिन किन्हीं राजनीतिक दलों की सार्वजनिक चर्चा करना उनके लिए कतई उपयुक्त नहीं लगता।
अब खुल रहा है पद्मावत पर सेक्युलरों का मोर्चा
राजीव रंजन झा :
दरअसल संजय लीला भंसाली और उनकी फिल्म पद्मावत के खिलाफ मोर्चा तो छद्म सेक्युलरों का खुलना चाहिए था, पर करणी सेना का मोर्चा खुला होने के चलते छद्म सेक्युलर खुल कर अपनी बात कहनी कहने की जगह ही नहीं बना पा रहे हैं। मगर सेक्युलर मोर्चे से पद्मावत और भंसाली की कुछ-कुछ आलोचना सामने आने लगी है।
काबिल, कर्मठ, ईमानदार की दुर्घटना
राजीव रंजन झा :
एक रेस्टोरेंट के ग्राहक बड़े नाखुश थे। खाना अच्छा नहीं था। वेटरों को तमीज नहीं थी। ऑर्डर देने के बाद खाना कब टेबल पर आयेगा मालूम ही नहीं पड़ता था। खाने के बीच में दो रोटी और मंगा ली तो शायद दोपहर से शाम भी हो जाये आते-आते। पर उस इलाके में कोई और रेस्टोरेंट था नहीं, इसलिए ग्राहकों को मजबूरी में वहीं खाना पड़ता था।
जानते हैं गोयबल्स के सच्चे चेलों को?
राजीव रंजन झा :
गोयबल्स के बारे में जानते हैं - पॉल जोसेफ गोयबल्स? जर्मनी के तानाशाह चांसलर हिटलर का प्रचार प्रमुख था। कम ही लोग जानते होंगे कि हिटलर के बाद वह जर्मनी का चांसलर भी बना था, बस दो दिनों के लिए। खैर, नाम तो सुना ही होगा।
क्या एमसीडी चुनाव में फिर समर्पण करेगी कांग्रेस?
राजीव रंजन झा :
दिल्ली के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने तश्तरी में रख कर अरविंद केजरीवाल को सत्ता परोस दी थी।