Tag: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
आरएसएस पर नेहरू का वह अभियान, जिसे मोदी ने पलट दिया
क्या ईश-निंदा है आरक्षण पर विचार-विमर्श?
राजीव रंजन झा :
जब तक भेदभाव है, तब तक आरक्षण खत्म नहीं होगा। यह बात दलित नेत्री मायावती भी कहती हैं, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तमाम नेता भी कहते हैं। संघ ने भी यही कहा है, हालाँकि संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य की एक टिप्पणी विवाद का केंद्र बनी है।
संघ मुक्त भारत का आह्वान : सपने मत देखिए नीतीश बाबू
पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
जिस संघ के साथ दशकों नाता रहा, निजी महत्वाकांक्षा में अर्थात प्रधानमंत्री बनने की ललक में, उसी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को पानी पी-पी कर जिस तरह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोसते हुए यहाँ तक कह दिया कि देश को संघ मुक्त करने के लिए सभी विपक्षी दल एक हों, उसे वाकई गिरी हरकत कहा जाएगा।
देश में संघ से बड़ा राष्ट्र भक्त कौन है
पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :
जमीयत उलेमा-ए-हिंद का देश की राजधानी में हुआ एकता सम्मेलन और कुछ नहीं अपने दुश्मन नंबर एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसकी विचारधारा के ध्वज वाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खिलाफत का मंच था, जहाँ इस संगठन के सदर मदनी साहब ने पानी पी-पी कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन के नाम पर सरकार को कोसा तो एकता के नाम पर देश तोड़ने वाली हरकतों के लिए संघ को जिम्मेदार ठहराया।
सेकुलर घुट्टी क्यों पिला गये ओबामा?
क़मर वहीद नक़वी :
आधुनिक सेकुलरिज्म और लोकतंत्र एक दूसरे के पूरक विचार हैं। सारी दुनिया में लोगों को अब दो बातें समझ में आती जा रही हैं। एक यह कि आर्थिक विकास के लिए स्वस्थ लोकतंत्र बड़ा जरूरी है। एक शोध के मुताबिक लोकताँत्रिक शासन व्यवस्था अपनाने से देशों की जीडीपी में अमूमन एक प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गयी! और जो देश लोकतंत्र से विमुख हुए, वहाँ इसका असर उलटा हुआ और आर्थिक विकास की गति धीमी हो गयी।
मोदी मंत्रिमंडल और संघ के लिए भारी केजरीवाल!
राजेश रपरिया :
दिल्ली विधानसभा के चुनावी सर्वेक्षणों में खारिज अरविंद केजरीवाल ‘विजेता’ बन कर उभरे हैं। इन सर्वेक्षणों में केजरीवाल के पक्ष में मतदाताओं का रुझान बढ़ रहा है।
उन्हें भारत से नफरत क्यों है?
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
यह समझना मुश्किल है कि संस्कृत का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा से क्या लेना-देना है, किंतु संस्कृत का विरोध इसी नाम पर हो रहा है कि संघ परिवार उसे कुछ लोगों पर थोपना चाहता है।
मोहन भागवत की चेतावनी
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक श्री मोहन भागवत ने कल भुवनेश्वर में जो कहा, वह सच तो है ही लेकिन वह एक चेतावनी भी है। इसका बड़ा महत्व है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के पीछे असली ताकत संघ के स्वयंसेवकों की ही है।
संघ सिस्टम बनाम नो सिस्टम
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
आखिर कौन नहीं चाहता था कि कांग्रेस हारे। सीएजी रिपोर्ट और लोकपाल आंदोलन के वक्त दो साल तक कांग्रेस ने जिस अहंकार का प्रदर्शन किया क्या उसकी सजा मिलने पर जश्न नहीं होना चाहिए।
कभी साजिश के तहत दिल्ली से गुजरात भेजे गये थे मोदी !
पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
'भागवत कथा' के नायक मोदी यूँ ही नहीं बने। क्या नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल के पीछे आरएसएस ही है। क्या आरएसएस के घटते जनाधार या समाज में घटते सरोकार ने मोदी के नाम पर संघ को दाँव खेलने को मजबूर किया।