Wednesday, October 29, 2025
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अंबाला रेलवे स्टेशन के बाहर नैरोगेज का स्टीम लोकमोटिव

 

 

 

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

दिल्ली से पंजाब और जम्मू की तरफ जाने के रास्ते पर बड़ा रेलवे स्टेशन आता है अंबाला। अंबाला शहर में दो रेलवे स्टेशन हैं। अंबाला कैंट और अंबाला सिटी। पर अंबाला कैंट बडा रेलवे स्टेशन है और सिटी छोटा। अंबाला कैंट के सामने ही अंबाला क मुख्य बस स्टैंड भी है। इसलिए आपको बस से ट्रेन या फिर ट्रेन से बस लेने के लिए ज्यादा नहीं चलना पड़ता।

हमार बैलगाड़ी सबसे अगाड़ी… जोगिंदर सिंह अलबेला की याद

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

हमार बैलगाड़ी सबसे अगाड़ी...सड़किया पे गाड़ी हमार बैलगाड़ी
चलल जाला चलल जाला चलल जाला.. सड़किया पे गाड़ी हमार बैलगाड़ी
हट हट हट हट....
आकाशवाणी पटना से फरमाईशी लोकगीतों की सूची में अस्सी के दशक में यह बड़ा ही लोकप्रिय माँग वाला गीत होता था। जब रेडियो पर ये गाना बजता था तो ऐसी जीवंत अनुभूति होती थी मानो हमारी आँखों के सामने झूमती हुई बैलगाड़ी जा रही हो। गीत के पूरे बोल अब मुझे याद नहीं हैं पर इसमें एक झूमती हुई बैलगाड़ी के सड़क पर सफर का मस्ती भरा चित्रण था। तब हम इसके गायक का नाम पर ध्यान नहीं देते थे पर गीत को बडे मनोयोग से सुना करते थे।

विशाखापत्तनम – ज्वेल ऑफ द इस्ट कोस्ट

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

आंध्र प्रदेश के शहर विशाखापत्तनम को ज्वेल ऑफ द इस्ट कोस्ट कहा जाता है। तेलंगाना के अलग होने के बाद यह आंध्र का सबसे बड़ा शहर है। इसकी आबादी 2011 में 17 लाख से ज्यादा थी, जबकि तीसरे बड़े शहर विजयवाड़ा की आबादी 10 लाख से ज्यादा थी।

विजयवाड़ा से विशाखापत्तनम केसानी ट्रेवल्स की बस से

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

आंध्र जैसे दक्षिण भारत के राज्यों के निजी बस आपरेटरों ने समयबद्ध सेवा की मिसाल पेश की है। ऐसा उत्तर भारत में नहीं देखने को मिलता। आमतौर पर जब आप दिल्ली में किसी एजेंट से बस बुक कराते हो तो मोटा कमिशन एजेंट के पास रह जाता है।

विजयवाड़ा शहर – पराठे और भरपेट थाली

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

आंध्र प्रदेश के शहरों में आमतौर पर भोजन की बात करें तो उसका मतलब भरपेट खाने की थाली होता है। यह थाली आमतौर पर चावल की होती है। विजयवाड़ा शहर में मार्च 2016 में भरपेट थाली मध्यम दर्जे के रेस्टोरेंट में मिल जाती है 70 रुपये की। यानी 70 रुपये में चाहे जितना मर्जी खाओ।

आर्य वैश्यों का तीर्थ पेनुगोंडा का वासवी धाम

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी जिले के पेनुगोंडा स्थित वासवी धाम दक्षिण भारत में आर्य वासव समुदाय के लोगों का बड़ा तीर्थ स्थल है। पेनुगोंडा को वासवी माता की जन्म स्थली माना जाता है। यहाँ पर विशाल वासवी कन्या परमेश्वरी मंदिर का निर्माण किया गया है। मंदिर परिसर में वासवी देवी की विशाल सुनहले रंग की मूर्ति है।

विजयवाड़ा से वासवीधाम की ओर एनएच 5 पर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

मैं विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन सही समय पर पहुँच चुका था। यहाँ से आगे मुझे पहुँचना है वासवी धाम, पेनुगोंडा जो राजामुंदरी के पास है। शादी में शामिल होना है। रत्नाराव जी के बेटे बालगंगाधर की। रत्नाराव जी के लिए हम परिवार के सदस्य की तरह हैं। साल 2007 में हैदराबाद के वनस्थलीपुरम में उनके घर रहने के बाद एक रिश्ता बन गया।

डलहौजी से यादें जुड़ी हैं सरदार अजीत सिंह की

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

ये साल 1946 की बात है। देश आजादी के दहलीज पर खड़ा था। भारत की अंतरिम सरकार बन चुकी थी। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के महान सपूत सरदार अजीत सिंह को रिहा करवाया। सभी जानते हैं कि सरदार अजीत सिंह भगत सिंह के चाचा थे। वे पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन के प्रणेता थे।

आइए याद करें तिरंगे झंडे के डिजाइनर को – पिंगाली वेंकैया

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

क्या आपको पता है हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे झंडे को डिजाइन किसने किया था। वह थे बहुआयामी प्रतिभा वाले आंध्र के स्वतंत्रता सेनानी श्री पिंगाली वेंकैया। विजयवाड़ा के एमजी रोड यानी महात्मा गाँधी रोड पर स्थित है विक्टोरिया जुबली म्युजियम। एक छोटा सा संग्रहालय है जिसके साथ स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास की कई स्मृतियाँ जुडी हैं। इस संग्रहालय का प्रबंधन आंध्र प्रदेश राज्य का पुरातत्व विभाग करता है।

हर साल सूखे की मार झेलता मराठवाड़ा

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

हर साल अप्रैल महीना शुरू होने के साथ ही महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र चर्चा में आ जाता है। चर्चा सूखे के कारण होती है। हमें सूखे की आहट अहमदनगर से मिलने लगती है। साल 2013 में जब शिरडी गया था तब वहाँ के स्थानीय लोग कह रहे थे पानी की भारी कमी है। इसलिए बाबा के दरबार में श्रद्धालु कम आ रहे हैं। साल 2015 का मार्च के महीने का आखिरी दिन हैं।

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