Wednesday, January 29, 2025
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बिहार से अलग नतीजे क्यों रहे उत्तर प्रदेश चुनाव के?

राजीव रंजन झा : 

उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनावों में प्रचार, मतदान और मतगणना तक के समूचे दौर में लोगों को बार-बार बिहार चुनाव भी याद आता रहा। 

अब मुसलमानों की तरफ कदम बढ़ाये भाजपा

राजीव रंजन झा : 

यदि भाजपा मानती है कि उत्तर प्रदेश में उसे कुछ मुस्लिम मत भी मिले हैं, तो अब एक-दो कदम आगे बढ़ाने की बारी उसकी है।

राजनीति छोड़ दें ईवीएम पर आरोप लगाने वाले

राजीव रंजन झा : 

जो लोग उत्तर प्रदेश के हाल के चुनावी नतीजों को ईवीएम में गड़बड़ी का कमाल मानते हैं, उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। दो कारण हैं -

“प्रियंका, मुलायम क्यों नहीं कर रहे पूरे उत्तर प्रदेश में प्रचार?”

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में चौथे चरण का चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले जहाँ प्रियंका वाड्रा और मुलायम सिंह यादव के कम प्रचार करने पर तंज कसा है, वहीं लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

कब्रिस्तान और श्मशान पर क्या कहा मोदी ने

उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करते हुए फतेहपुर की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कब्रिस्तान और श्मशान को लेकर एक ऐसी टिप्पणी की, जिसकी विरोधियों ने जम कर आलोचना की है।

सपा के लठबाजी प्रहसन के फलितार्थ

राजीव रंजन झा : 

उनके 'नेताजी' (हमारे नेताजी तो एक ही हैं, आजादी से पहले वाले) भी पार्टी में हैं। चच्चा भी पार्टी में हैं। चच्चा चुनाव भी लड़ेंगे। सबकी सूचियों का भी मिलान हो रहा है, सबका मान रखा जा रहा है। पार्टी भी एक है। चुनाव चिह्न भी सलामत है। बस बीच में डब्लूडब्लूई स्टाइल में जबरदस्त जूतमपैजार की नौटंकी से जनता का दिल खूब बहलाया गया। इस नौटंकी के नतीजे - 

भाजपा में स्वामी प्रसाद, कितनी मजबूरी-कितनी रणनीति

संदीप त्रिपाठी :

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती पर आरोपों की झड़ी लगा कर 22 जून को पार्टी छोड़ने वाले उनके विश्वस्त रहे स्वामी प्रसाद मौर्य आखिरकार भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये। यानी डेढ़ महीने की मशक्कत के बाद स्वामी प्रसाद को भाजपा में जगह मिली।

उत्तर प्रदेश में दाँव पर प्रशांत किशोर की साख

संदीप त्रिपाठी :

उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव किसके लिए वाटरलू साबित होगा?, यह सवाल बड़ा मौजू है। सामान्य तौर पर देखा जाये तो सबसे बड़ा दाँव मायावती की बहुजन समाज पार्टी और नरेंद्र मोदी-अमित शाह की भारतीय जनता पार्टी का है। समाजवादी पार्टी सरकार में होने के कारण बचाव की मुद्रा में है तो कांग्रेस अभी तक कहीं लड़ाई में नहीं आयी है। लेकिन इस विधानसभा में इन चारों दलों से बड़ा दाँव चुनाव रणनीतिकार और प्रबंधक के रूप में ख्यात प्रशांत किशोर का लगा है।

बसपा नेताओं के पार्टी छोड़ने के सिलसिले की सियासत

संदीप त्रिपाठी :

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से 9 महीने पूर्व से ही इस बार सत्ता के लिए सबसे मजबूत दावेदार मानी जाने वाली मायावती की बहुजन समाज पार्टी में महत्वपूर्ण नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। सबसे पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता और बसपा के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी छोड़ी। फिर राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री आर.के. चौधरी ने पार्टी छोड़ी।

विधानसभा चुनाव नतीजे कांग्रेस और लेफ्ट को करारा तमाचा

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :

पाँच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों से एक बात बिल्कुल साफ है कि देश की जनता अब कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों से पक चुकी है। उन्हें समझ में आ गया है कि ये दोनों एक ही थैले के चट्टे-बट्टे हैं और इनके बीच पति-पत्नी जैसा रिश्ता है। इनके दिन के झगड़े का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि रात में इन्हें साथ ही रहना है। इसलिए इन दोनों को जनता मजबूरी में अब सिर्फ वहीं चुन रही है, जहाँ उनके पास कोई तीसरा विकल्प नहीं है।

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