Saturday, August 9, 2025
टैग्स सुशांत झा

Tag: सुशांत झा

ज्ञान ही ज्ञान

सुशांत झा, पत्रकार :

उन लोगों पर ताज्जुब होता है जो कहते हैं कि पीएम को बिहार में 40 सभाएँ नहीं करनी चाहिए। अरे भाई, इसका क्या मतलब कि जिस बच्चे को 12वीं में 99 फीसदी नंबर आये वो IIT की परीक्षा में दारू पीकर इक्जाम देने चला जाये? हद है! चुनाव है या फेसबुक पोस्ट कि कुछ भी लिख दिया? विपक्षी दलों के पास नेता नहीं है और जो हैं या तो वो जोकर किस्म के हैं या किसी आईलैंड पर तफरीह कर रहे हैं तो इसमें नरेंद्र मोदी का क्या दोष है? ये तो उस आदमी का बड़प्पन है कि सांढ का सींग पकड़कर मैदान में डटा हुआ है।

आरक्षण@पटेल

सुशांत झा, पत्रकार :

पटेलों को आरक्षण मिलने से सबसे ज्यादा दिक्कत किसे होनी चाहिए? जाहिर है, वर्तमान पिछड़ों को। और जाटों को आरक्षण मिलने से? उसमें भी वर्तमान पिछड़ों को दिक्कत होनी चाहिए कि कोई मजबूत जाति उसके हिस्से में सेंधमारी करने आ रही है। लेकिन पिछड़ों का कोई मजबूत प्रतिरोध सामने नहीं है। सिवाय एकाध फेसबुकिया विचारकों के पिछड़ों को अपने हितों की कोई चिन्ता नहीं है!

कलाम साहब को ‘सशर्त श्रद्धाँजलियाँ’

सुशांत झा, पत्रकार :

मिथिला की एक लोककथा में एक ब्राह्मण का जिक्र आता है जो हर बात में मीन-मेख निकालता था। एक दिन पार्वती ने शिव से कहा कि हे महादेव मैं उस ब्राह्मण को भोजन पर निमंत्रित करना चाहती हूँ, वो मेरी पाक कला में कोई दोष नहीं ढ़ूँढ़ पायेगा।

लालू-नीतीश मोर्चा हारे हैं, जंग अभी बाकी है

सुशांत झा, पत्रकार :

बिहार विधान परिषद में 24 सीटों में से 23 के नतीजे आ चुके हैं, इसमें अभी तक इन पंक्तियों के लिखे जाने तक भाजपा और उसकी समर्थक लोजपा 13, जद-यू 5, राजद 3 और कांग्रेस 1 सीट जीत चुकी है।

‘व्यापम’ से डर लगता है जी

सुशांत झा, पत्रकार :

व्यापम की वेबसाइट देख रहा था कि इसमें मेडिकल या प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट है या नहीं। क्योंकि डॉक्टर भी मारे गये हैं, पत्रकार भी और चपरासी भी। बड़ा घालमेल है। इसका गठन तो हुआ था मेडिकल इंट्रेस एक्जाम के लिए, लेकिन बाद में किसी 'दिमाग' वाले CM ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा हटा दिया और उसके लिए अलग बोर्ड बना दिया। 

यमुना की गन्दगी और हथिनीकुंड बराज

सुशांत झा, पत्रकार :

करीब दो साल पहले ‘यमुना बचाओ अभियान’ के लोगों से मिलना हुआ तो हथिनीकुंड बराज के बारे में जानकारी मिली। वे लोग मथुरा से दिल्ली तक पदयात्रा करते आ रहे थे और पलवल के पास सड़क के किनारे एक स्कूल के मैदान में टेन्ट में विश्राम कर कर रहे थे।

सोशल मीडिया @ सलमान खान

सुशांत झा, पत्रकार :

सलमान प्रकरण में सबसे अच्छी बात ये हुई है कि पब्लिक की निष्पक्ष और त्वरित न्याय पाने की व्यग्रता अपने विराट रूप में प्रकट हुई है।

जनता परिवार : आर्थिक – पारिवारिक फोरम

सुशांत झा, पत्रकार : 

जनता परिवार के विलय में वहीं भावना छुपी है, जो आखिरी घड़ी में दिल्ली बीजेपी में किरण बेदी की ताजपोशी में छुपी थी।

प्रशासनिक सुधार से न्यायिक सुधार होगा

सुशांत झा, पत्रकार :

गोविंदाचार्य जब कहते हैं कि सरकार जजों की संख्या बढ़ाने और त्वरित न्याय दिलाने के लिए 7000 करोड़ तक आवंटित करने को तैयार नहीं है, जबकि एयर इंडिया के लिए पिछली सरकार 30,000 करोड़ देने को तैयार थी तो उसमें कुछ और बातें जोड़नी आवश्यक है।

बिहार बीजेपी वाया गिरिराज सिंह@ फेयर-इन-लवली

सुशांत झा, पत्रकार :

गिरिराज ने जो टीवी फुटेज खाया है उसमें उनकी पार्टी और उनका दोनों का हित सधता है। पहचान(!) का संकट बिहार में उन्हें पहले भी नहीं था, अब तो वो पहचान घनीभूत हो गयी है।

- Advertisment -

Most Read

तलवों में हो रहे दर्द से हैं परेशान? इस धातु से मालिश करने से मिलेगा आराम

अगर शरीर में कमजोरी हो या फिर ज्यादा शारीरिक मेहनत की हो, तो पैरों में तेज दर्द सामान्य बात है। ऐसे में तलवों में...

नारियल तेल में मिला कर लगायें दो चीजें, थम जायेगा बालों का गिरना

बालों के झड़ने की समस्या से अधिकांश लोग परेशान रहते हैं। कई लोगों के बाल कम उम्र में ही गिरने शुरू हो जाते हैं,...

कहीं आप तो गलत तरीके से नहीं खाते हैं भींगे बादाम?

बादाम का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। लगभग हर घर में बादाम का सेवन करने वाले मिल जायेंगे। यह मांसपेशियाँ (Muscles)...

इन गलतियों की वजह से बढ़ सकता है यूरिक एसिड (Uric Acid), रखें इन बातों का ध्यान

आजकल किसी भी आयु वर्ग के लोगों का यूरिक एसिड बढ़ सकता है। इसकी वजह से जोड़ों में दर्द होने लगता है। साथ ही...