Thursday, November 21, 2024
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दुश्मन को मारने से पहले अपनी चारदीवारी को मजबूत करो

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :

हो सकता है आप में से कुछ लोग 11 सितंबर 2001 को न्यूयार्क में हुए आतंकवादी हमले के चश्मदीद रहे हों। हो सकता है बहुत से लोग न रहे हों। लेकिन मैं रहा हूँ। मैंने 11 सितंबर 2001 में अमेरिका पर हुए आतंकवादी हमले को बहुत करीब देखा और जिया है। मैं चश्मदीद हूँ उस हमले का और हमले में मरे दस हजार लोगों के शव का।

कोकराझार कांड से सबक लेंगे सोनेवाल!

संदीप त्रिपाठी :         

असम के कोकराझार के भीड़भाड़ वाले दो बाजारों में हुए हमलों में 14 लोग मारे गये। एक रिपोर्ट में बताया गया एनआईए ने इस संबंध में पहले ही इनपुट उपलब्ध करा दिये थे। फिर इसे रोकना संभव क्यों नहीं हुआ? एक खबर आ रही है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मोर्चा संभाल लिया है।

पठानकोट हमला : मोदी सरकार पर सवाल

राजेश रपरिया :

पठानकोट एयरबेस पर पाकिस्तानी आतंकवादियों के खौफनाक हमले से पहली बार मोदी सरकार के कामकाज, तत्परता, सतर्कता को लेकर सार्वजनिक रूप से सवाल उठ खड़े हुए हैं,  मोदी की टीम इंडिया के परखच्चे उड़ गये हैं। आतंकवादी कम से कम 48 घंटे पठानकोट में स्वच्छंद घूमते रहे और सुरक्षा तंत्र हाथ पर हाथ धरे अपनी माँद में बैठा प्रतीक्षा करता रहा।

पाकिस्तान इंदिराजी से किस कदर खौफजदा था?

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :

दो राय नहीं कि मैं कांग्रेस विरोध की संतान हूँ पर यह भी सच है कि महाराजा रणजीत सिंह के बाद देश को अंतरराष्ट्रीय विजय (पूर्वी पाकिस्तान का नाम नक्शे से मिटा कर बांग्लादेश का जन्म हुआ 1971) दिलाने वाली वीरांगना श्रीमती इंदिरा गाँधी का निजी तौर पर प्रशंसक भी हूँ, खास तौर पाकिस्तान के मोर्चे पर उनकी तैयारी की जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम होगी।

इन बतछुरियों की काट ढूँढिए!

कमर वहीद नकवी, वरिष्ठ पत्रकार :  

पाकिस्तान है कि मानता नहीं! मुँह में बात, बगल में छुरी! इधर बात, उधर छुरी! हम बतकही करते हैं, पाकिस्तान बतछुरी करता है! हर बार यही होता है. इस बार भी यही हुआ। वहाँ उफा में बात हुई। यहाँ बधाईबाजों ने महिमा गान शुरू किया। इधर अभी साझा बयान पर इतराने की अँगड़ाई उठी ही थी कि उधर जवाब में सीमा पार से बन्दूकों की आतिशबाजी चल पड़ी। कहीं कोई कोर-कसर बाकी न रह जाये, कहीं बातचीत का 'असली' नतीजा समझने में कोई गलतफहमी न रह जाये, इसलिए उधर से सशरीर कई आतंकवादी तोहफे भी फटाफट भेज दिये गये। पूरे सबूतों के साथ कि वे सारे के सारे पाकिस्तानी ही हैं। लो, कर लो बात!

सबके पाप का घड़ा भरता है

राणा यशवंत, प्रबंध संपादक, इंडिया न्यूज : 

सुबह आमतौर पर घर से फोन पर मीटिन्ग करता हूँ। मीटिन्ग के दौरान ही न्यूजरुम में शोर शराबा-सा लगा। पूछा क्या हुआ। पता चला महेंद्र चावला को कुछ लोगों ने पानीपत में गोली मार दी। 

महेंद्र चावला आसाराम औऱ उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ चल रहे बलात्कार के मुकदमें में गवाह हैं।

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