Tag: Anandpur Sahib
आनंदपुर साहिब से कांगड़ा
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
आनंदपुर साहिब का बस स्टैंड छोटा सा है पर साफ-सुथरा। स्वच्छ भारत अभियान का असर दिखायी देता है। यहाँ से मैं कांगड़ा के लिए बस के बारे में पूछता हूँ। लोग बताते हैं कि नंगल चले जाइए वहाँ से मिली। नंगल जाने वाली बस में बैठ जाता हूँ। नंगल 20 किलोमीटर आगे है।
सिख इतिहास की दास्ताँ सुनाता – विरासत ए खालसा
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
पवित्र शहर आनंदपुर साहिब में अब एक नया आकर्षण है विरासत ए खालसा। खालसा हेरिटेज के नाम से मशहूर इस विशाल इमारत में आप आडियो विजुअल प्रदर्शनी के माध्यम से 500 साल के सिख इतिहास से रूबरू होते हैं।
गुरुद्वारा – किला आनंदगढ़ साहिब
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
आनंदपुर साहिब में रेलवे स्टेशन से बाहर निकलने के बाद सबसे पहले किला आनंद गढ़ साहिब में पहुँचा जा सकता है। यह किला आनंदपुर साहिब शहर के बीच में स्थित है। दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी ने इलाके में पाँच किलों की स्थापना की थी, आनंद गढ़ साहिब उनमें से एक है। यह मुख्य गुरुद्वारा केशगढ़ साहिब से 800 मीटर की दूरी पर स्थित है। गुरु गोबिंद सिंह जी को 1689 से 1705 के बीच मुगलों और पहाड़ के राजाओं से कई युद्ध लड़ने पड़े थे।
तख्त श्री केशगढ़ साहिब – आनंदपुर साहिब
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
सिखों के पाँच तख्त हैं देश में। इनमें आनंदपुर साहिब का खास महत्व है। पंजाब के रूपनगर जिले में स्थित आनंदपुर साहिब सिखों में अत्यंत पवित्र शहर माना जाता है। इस शहर की स्थापना 1665 में नौंवे गुरु गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने की थी। यह सिख धर्म में अत्यंत पवित्र शहर इसलिए है, क्योंकि यहीं पर खालसा पंथ की स्थापना हुई थी। साल 1699 में बैशाखी के दिन आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी ने की। इस दिन उन्होंने पाँच प्यारों को सबसे पहले अमृत छकवा कर सिख बनाया। आमतौर पर तलवार और केश तो सिख पहले से ही रखते थे। अब उनके लिए कड़ा, कंघा और कच्छा भी जरूरी कर दिया गया।
पंजाब के आनंदपुर साहिब की ओर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
सिख धर्म के पाँच पवित्र तख्त में से एक है श्री केशगढ़ साहिब यानी आनंदपुर साहिब। अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन से सुबह छह बजकर 10 मिनट पर नंगलडैम के लिए मेमू ट्रेन खुलती है। यह ट्रेन आनंदपुर साहिब या नैना देवी जाने के लिए आदर्श तरीका है। हालाँकि टिकट खिड़की से आधा किलोमीटर दूर 1ए प्लेटफार्म से ये ट्रेन हर रोज रवाना होती है।