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बस एक यह काम न करते जनरल रावत
राजीव रंजन झा :
सेना प्रमुख अवैध घुसपैठ की बात करें और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से उसका विश्लेषण करें, यह बिल्कुल उचित है। लेकिन किन्हीं राजनीतिक दलों की सार्वजनिक चर्चा करना उनके लिए कतई उपयुक्त नहीं लगता।
क्या एक दिन खत्म हो जायेगा माजुली द्वीप
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
संसार के सबसे बड़े नदी द्वीप माजुली का अस्तित्व खतरे में है। यह एक सच है क्योंकि कई दशक का रिकार्ड बताता है कि द्वीप साल दर साल कटाव झेल रहा है और उसका भौगोलिक दायरा सिकुड़ता जा रहा है।
कोकराझार कांड से सबक लेंगे सोनेवाल!
संदीप त्रिपाठी :
असम के कोकराझार के भीड़भाड़ वाले दो बाजारों में हुए हमलों में 14 लोग मारे गये। एक रिपोर्ट में बताया गया एनआईए ने इस संबंध में पहले ही इनपुट उपलब्ध करा दिये थे। फिर इसे रोकना संभव क्यों नहीं हुआ? एक खबर आ रही है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मोर्चा संभाल लिया है।
मेघालय यानी बादलों का घर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
मेघालय यानी मेघों (बादलों) का घर। घर इसलिए की सबसे ज्यादा बारिश वाला इलाका चेरापूंजी मेघालय में ही आता है। 21 जनवरी 1972 को ये छोटा सा राज्य अस्तित्व में आया। साल 2011 की जनगणना में आबादी 30 लाख के करीब है। इसकी सीमाएँ असम और बांग्लादेश से लगती हैं।
1903 में आरंभ हुआ था बराक घाटी रेलमार्ग
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
ब्रिटिश काल में साल 1882 से 1887 के बीच असम के बराक घाटी में लमडिंग बदरपुर के बीच रेल नेटवर्क स्थापित करने की योजना बनी। हालाँकि तब स्थानीय डिमासा जनजाति के लोग गोरों का अपने क्षेत्र में प्रवेश करने का काफी विरोध कर रहे थे। वे अपनी जीवन शैली में किसी बाहरी तकनीक का प्रवेश नहीं होने देना चाहते थे। पर इस विरोध की परवाह न करते हुए 25 अक्तूबर 1887 को गवर्नर जनरल ने इस क्षेत्र में रेल लाइन बिछाने की अनुमति प्रदान की। तब ब्रिटिश सरकार असम के पहाड़ी क्षेत्रों को चटगांव ( अब बांग्लादेश में) बंदरगाह को रेलवे से जोड़ना चाहती थी, जिससे एक विकल्प दिया जा सके और कोलकता बंदरगाह पर दबाव कम हो सके। साथ ही सरकार को लगता था ये रेल लाइन चाय बगानों से चाय की सप्लाई और कोयला ढुलाई के लिए मुफीद साबित होगी।