मेघालय यानी बादलों का घर

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

मेघालय यानी मेघों (बादलों) का घर। घर इसलिए की सबसे ज्यादा बारिश वाला इलाका चेरापूंजी मेघालय में ही आता है। 21 जनवरी 1972 को ये छोटा सा राज्य अस्तित्व में आया। साल 2011 की जनगणना में आबादी 30 लाख के करीब है। इसकी सीमाएँ असम और बांग्लादेश से लगती हैं।

इस पहाड़ी राज्य में पूरी तरह आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। खासी, गारो और जयंतिया तीन किस्म के आदिवासी मूल रूप से राज्य में है। इन्ही के हिसाब से भूभाग और जिलों का भी बंटवारा किया गया है। नदियों और पहाड़ों से आच्छादित राज्य में हरियाली सर्वत्र विराजती है। बागवानी और कृषि यहाँ की मुख्य पहचान है।

मेघालय में प्रकृति अपने भव्य रूप में दिखायी देती है। राजधानी शिलांग में ही कई रमणीक स्थल हैं। इनमें यार्ड लेक, लेडी हैदरी पार्क, पोलो ग्राउंड, मिनी चिड़ियाघर, एलीफेंट फाल्स और शिलांग चोटी खास हैं। यहाँ का गोल्फ कोर्स देश के बेहतरीन गोल्फ कोर्सों में से एक है। मेघालय विधानसभा में कुल 60 सदस्य हैं। आबादी के हिसाब से देखें तो हर 50 हजार पर एक सदस्य। हाल में मेघालय को हाईकोर्ट भी मिल गया है। साल 2013 में मेघालय में उच्च न्यायालय की स्थापना हुई। इसके पहले यहाँ गुवाहाटी हाईकोर्ट की बेंच हुआ करती थी।

राज्य में तीन प्रमुख जनजातियाँ खासी, गारो और जयंतिया। मेघालय की विधानसभा में 29 सदस्य खासी हिल्स से चुने जाते हैं, जबकि 24 सदस्य गारो हिल्स से चुने जाते हैं, जबकि 7 सदस्य जयंतिया हिल्स से चुने जाते हैं। मजे की बात की इन तीनों को चेहरे मोहरे यानी नैन नक्श से पहचाना जा सकता है। लेडी हैदरी पार्क के पास आलू मूरी बेचने वाला एक बिहारी युवा कहता है मैं गारो और खासी लोगों को देख कर पहचान लेता हूँ। कैसे। वह मुझसे पूछता है आप भी अलग अलग वस्तुओं या रंगों को कैसे पहचानते हैं। इसी जनजातीय पहचान के आधार पर ही मेघालय के जिलों का भी विभाजन किया गया है। राज्य में कुल सात जिले हैं तीन खासी बहुल तीन गारो बहुल और एक जयंतिया बहुल जिला है।

मेघालय के जिले – 1 रीभोई ( खासी जिला)  2 ईस्ट खासी हिल्स  3 वेस्ट खासी हिल्स

4 जयंतिया हिल्स 5 वेस्ट गारो हिल्स  6 ईस्ट गारो हिल्स  7 साउथ गारो हिल्स

मेरी मुलाकात वार्ड लेक के पार्क में पी एम सईम से होती है। सईम (Pynshai Manik Syiem )साल 1993 से 2008 तक तीन बार लगातार विधायक रह चुके हैं। उनका क्षेत्र मेलियम (MYLLIEM) रहा है जो  ईस्ट खासी हिल्स में आता है। सईम साहब सुबह सुबह सैर करने के लिए आए हैं। रास्ता पूछने के क्रम मे उनसे परिचय होता है फिर मेघालय की राजनीति पर बातचीत होती है। अब उनकी बटी राजनीति में है और वे कारोबार करते हैं। सईम अपनी नैनो में मुझे कैथोलिक चर्च और लेडी हैदरी पार्क तक घुमाते हैं।

पीए संगमा तुर्रा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं जो गारो हिल्स में आता है। पूर्ण ऐजिटक संगमा मेघालय के लोकप्रिय राजनेता हैं। वे मेघालय के मुख्यमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। वे राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़े। वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सह-संस्थापक हैं। वे आठ बार लोकसभा-सदस्य रह चुके हैं। बेटी अगाथा संगमा राजनीति में हैं। बेटा कोनार्ड संगमा भी विधायक और विपक्ष के नेता हैं। वहीं वर्तमान मुख्यमंत्री मुकुल संगमा वेस्ट गारो हिल्स से आते हैं।

संगमा के बाद खासी दूसरी प्रमुख उपाधि है मेघालय की लिंगदोह। जेम्स माइकल लिंगदोह चर्चित आईएएस और देश के मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं। उन्हें प्रतिष्ठित मैग्सेसे पुरस्कार भी मिल चुका है। जेएम लिंदगोह शिलांग में स्कूली पढ़ायी के दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कालेज में पढ़े। जानी मानी लेखिका अरुंधति राय भी शिलांग में पैदा हुई थीं। फिल्मकार और इतिहासकार चिदानंद दास गुप्ता का संबंध भी शिलांग से है।

(देश मंथन 19 मार्च 2016)

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