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डलहौजी से मिनी स्विटजरलैंड की ओर…
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
हमारी अगली मंजिल थी खजियार। हिमाचल प्रदेश का स्विटरजरलैंड। जहाँ हमने अगले तीन दिन रहना तय किया था। बड़ी संख्या में ऐसे सैलानी होते हैं जो डलहौजी में रुकते हैं। यहीं से गाड़ी बुक करके खजियार जाते हैं। वहाँ चार घंटे गुजारने के बाद लौट आते हैं। पर हमारी योजना तो वहाँ कुछ दिन और रात गुजराने की थी।
मनमोह लेती डलहौजी की आबोहवा
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
डलहौजी की आबोहवा ऐसी है जो लोगों को पसंद आती है। हमें सुभाष चौक पर एक अवकाशप्राप्त दंपति मिले जो एक महीने से आ कर डलहौजी में पड़े हैं। कमरा किराये पर ले लिया है। यहाँ से जाना नहीं चाहते। सुभाष प्रतिमा के पास दोपहर में मीठी धूप के मजे ले रहे हैं।
गेटवे ऑफ चंबा – बनीखेत
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
बनीखेत में ठहरने के कई कारण थे। पहला की बनीखेत डलहौजी से छह किलोमीटर पहले है, जो लोग पहाड़ों की चकरघिन्नी वाले रास्ते पर लंबा सफर नहीं करना चाहते उन्हें जल्दी ब्रेक मिल जाता है। दूसरा अगर डलहौजी घूमना है बनीखेत में रूक कर भी घूमा जा सकता है। बनीखेत से डलहौजी महज 6 किलोमीटर है। 10 मिनट में किसी भी बस से पहुँच जाइए। ठहरने के लिए बनीखेत में भी कई होटल और गेस्ट हाउस हैं। बनीखेत में होटल डलहौजी की तुलना में किफायती है।