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बिहटा 7.86

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
पटना पीछे छूट गया है। गाड़ी तेज़ी से बनारस की ओर भाग रही है। सड़क के दोनों ओर खेतों की हरियाली अब सोने में बदल चुकी है। गेहूं कटने लगा है।
ओबामा के पद चिह्नों पर मोदी का प्रचार

रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
अमरीका में 2008 में राष्ट्रपति का चुनाव हो रहा था। ओबामा अपने विज्ञापन की टीम के साथ बातचीत कर रहे थे। एक बड़े बैंकिंग फर्म के ध्वस्त होने की अफवाह जोरों पर थी।
आजादी के बाद मुसलमानों की अग्नि-परीक्षा !

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
1952 में मौलाना अब्दुल कलाम आजाद को जब नेहरु ने रामपुर से चुनाव लड़ने को कहा तो अब्दुल कलाम ने नेहरु से यही सवाल किया था कि उन्हें मुस्लिम बहुल रामपुर से चुनाव नहीं लड़ना चाहिये।
भाजपा मुसलमानों से दूर, या मुसलमान भाजपा से दूर?

राजीव रंजन झा :
भाजपा पर यह आरोप रहा है कि वह मुसलमानों से दूरी बनाये रखती है। उसका अब तक का चाल-चरित्र-चेहरा बताता है कि इस आरोप को निराधार नहीं कहा जा सकता।
मोदी लहर से मुक्त मध्य प्रदेश

अनिल सौमित्र, स्वतंत्र पत्रकार :
देश में जितनी और जैसी राजनीतिक सरगर्मी है, मध्य प्रदेश में नहीं है। मध्य प्रदेश में विधान सभा का चुनाव जरूर आर-पार का था, लेकिन लोक सभा के लिए चुनावी माहौल वैसा नहीं है।
मोदी का मिशन बनाम संघ का टारगेट

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
मोदी को पीएम की कुर्सी चाहे 272 में मिलती हो लेकिन संघ का टारगेट 395 सीटों का है। संघ के इस टारगेट का ही असर है कि अगले एक महीने में मोदी के पांव जमीन पर तभी पडेंगे, जब उन्हें रैली को संबोधित करना होगा।
गुरु की नगरी में कांटे की टक्कर

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
बीजेपी के शीर्ष नेताओं में से एक और पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी अरुण जेटली अमृतसर में अपने पहले लोक सभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कांटे की टक्कर में उलझे हुए हैं।
मोदी और केजरीवाल के 27 भेद

अभिरंजन कुमार :
बनारस में भारत माता के दो सच्चे सपूतों नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल के बीच होने वाले मुकाबले में 12 मई को जनता को फैसला सुनाना है।
सर्किट हाऊस के कमरा नं 1 ए से 7 रेसकोर्स की दौड़ तक

पुण्य प्रसून बाजपेयी, कार्यकारी संपादक, आजतक :
2002 का "अछूत" 2014 में "पारस" कैसे बन गया?
नरेंद्र मोदी ने 6 अक्टूबर 2001 में जब सीएम की कुर्सी संभाली उस वक्त मोदी ने सोचा भी नही था कि जिस सीएम की कुर्सी पर बने रहने के लिये उन्हें विधानसभा की सीट देने के लिये कोई तैयार नहीं है, वही सीएम की कुर्सी 12 बरस बाद उन्हें पीएम की कुर्सी का दावेदार बना देगी।
अब मोदी के खिलाफ बुद्धिजीवियों का प्रलाप

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
देश के तमाम जाने- माने बुद्धिजीवियों ने एक दिल्ली में 7 अप्रैल को प्रेस क्लब आफ इंडिया की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में न सिर्फ भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को जी-भर कर कोसा वरन एक साझा बयान पर हस्ताक्षर भी किए (जनसत्ता, 8 अप्रैल,2014)।